शो रहा है रो क्योंकि वो थियेटर व सिनेमा घरों से
निकलकर रोड पर आ गया है नेता को शो और शो को नेता भा गया है, तभी तो नेता
चुनावी दौर में, रोड शो में व्यक्त रहते हैं।
जोड़ तोड़ और भाषण देने में मस्त रहते हैं
जनता भी चालाक है झांसे में नही आती है
नेताओं को सबक सिखाती है
और चुनावों में अच्छे अच्छों को धूल चटाती है
तब जाकर नेताओं को रोड शो से होता है मोह भंग
और उन्हें नजर आता है जनता और जिंदगी के रीयल शो का रंग।

-गाफिल स्वामी

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