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क्या हैं कोरोना के लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

जेम्स गैलाघर

दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक क़रीब 95 हज़ार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. साथ ही संक्रमण के मामले भी बढ़कर 15 लाख के पार पहुंच गए हैं।
इस वायरस से संक्रमित मरीज़ों में ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शामिल हैं जिन्हें संक्रमण के लक्षण और गंभीर होने के बाद आईसीयू में शिफ़्ट किया गया है।
हम आपको यहां बता रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं।
कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है। इसके दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी।कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है।
कोरोना के कारण होने वाली खांसी आम खांसी नहीं होती।इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं। लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है।
इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है,व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी महसूस हो सकती है।
इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डाएरिया भी हो सकता है। हाल में आए एक ताज़ा शोध के अनुसार कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है।
माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है।
कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?
जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं।
अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए। मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है।
लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट ऐंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती।
भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है। ब्रितानी नागरिक एनएचएस111 की वेबसाइट पर कोरोना से जुड़ी सभी जानकारी ले सकते हैं।
अगर मरीज़ को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं। देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं जहां ज़रूरत पड़ने पर फ़ोन किया जा सकता है।
वहीं ब्रिटेन में इमर्जेंसी की स्थिति में व्यक्ति 999 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में क्या होता है?
इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल के ख़ास वार्ड होते हैं जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को रखा जाता है।
यहां कोरोना वायरस के मरीज़ों के ऑक्सीजन की ज़रूरत को मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा कर या फिर नाक में ट्यूब के ज़रिए पूरा किया जाता है।
जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हं वेंटिलेटर पर रखा जाता है, यहां सीधे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की अधिक सप्लाई पहुंचाई जाती है,इसके लिए मरीज़ के मुंह में ट्यूब लगाया जाता है या फिर नाक या गले में चीरा लगा कर वहां से फेफड़ों में ऑक्सीजन दिया जाता है।
कोरोना वायरस कितना घातक है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं।हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है।
फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है।
56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि –
6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था।
14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए।इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई।
80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है।
कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए।
कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है।
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें।
जो लोग दूसरे देशों की यात्रा कर के यूके लौटे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग कर लें।
क्या कोरोना वायरस कोविड 19 पहला ऐसा वायरस है जिसे पैन्डेमिक कहा गया है?
दूसरे देशों ने भी इस वायरस से बचने के लिए अपने अपने देशों में स्कूल कॉलेज बंद करने और सर्वजनिक सभाएं रद्द करने जैसे क़दम उठाएं हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लोगों के लिए एहतियात बरतने के तरीक़ों के बारे में जानकारी जारी की है।
संक्रमण के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को अपने स्थानीय स्वास्थ्य सेवा अधिकारी या कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए।जो लोग बीते दिनों कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं उनकी जांच की जाएगी।
अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीज़ जिनमें फ्लू (सर्दी ज़ुकाम और सांस लेने में तकलीफ) के लक्षण हैं, स्वास्थ्य सेवा अधिकारी उनका परीक्षण करेंगे।
परीक्षण के नतीजे आने तक आपको इंतज़ार करने और दूसरों से खुद को दूर रखने के लिए कहा जाएगा।
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हाथों को सही से कैसे धोया जाए
कोरोना वायरस यानी ‘कोविड 19’ से बचने के लिए आप नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं।
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं।इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं।
ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार फेस मास्क इससे प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते।
रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं।लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे।
जॉन हॉप्किन्स युनिवर्सिटी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 184 देशों में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 1,596,496 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान और कोरिया में सामने आए हैं।

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