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दिल्ली दंगे सीएए समर्थकों के कारण नहीं , इसके पीछे की गहरी साजिश : अमित शाह गृहमंत्री

लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर बोलते गृहमंत्री अमित शाहआर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

विपक्षी पार्टियों द्वारा लंबे समय से सदन में दिल्ली हिंसा पर चर्चा की माँग पर बुधवार(मार्च 11) शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों के सवालों के जवाब दिए। साथ ही चर्चा के दौरान एक लंबी रिपोर्ट लोकसभा सदस्यों के सामने में पेश की है। इस दौरान अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की पीठ थपथपाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे के अंदर हिंसा को काबू में किया। साथ ही शाह ने आशंका जताई कि दिल्ली हिंसा के पीछे एक गहरी साजिश रची गई थी।

सदन में बोलते हुए सबसे पहले अमित शाह ने दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि मैं उनके परिवारों के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ। वहीं शाह ने सदन में आँकड़े पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की जनसंख्या 1.7 करोड़ है, जबकि हिंसा की चपेट में आए इलाके की आबादी 20 लाख है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित किया और 36 घंटे के अंदर उस पर काबू पाया। उन्होंने गौर फरमाते हुए कहा कि हिंसा में यह सुनिश्चित किया कि दंगे 4% भौगोलिक क्षेत्र और दिल्ली के 13% क्षेत्र तक ही बने रहें। उन्होंने यह भी दावा किया कि 25 फरवरी में रात 11 बजे के बाद के बाद अभी तक हिंसा ग्रस्त क्षेत्र में एक भी घटना नहीं हुई।

लगातार अपने ऊपर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आप मुझ पर सवाल उठा सकते हैं और आपको ये अधिकार भी है, लेकिन तथ्यों के साथ तोड़-फोड़ करने का किसी को अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं श्रीमान ट्रम्प के कार्यक्रम में बैठा था, उनका कार्यक्रम पहले से तय था और मेरे संसदीय क्षेत्र में था। इसके बाद मैंने ही अजीत डोभाल जी से हिंसा वाले इलाके में जाने का अनुरोध किया और पुलिस का मनोबल बढ़ाने की बात कही।

शाह ने हेट स्पीच पर बोलते हुए कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में 1 पार्टी ने एंटी CAA रैली की, उसमें पार्टी की अध्यक्ष महोदया भाषण में कहती हैं कि घर से बाहर निकालों, आर-पार की लड़ाई करों, अस्तित्व का सवाल है। उसके बाद उनके एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे। ये हेट स्पीच नहीं है तो क्या है? शाह ने वारिश पठान पर भी निशाना साधा और कहा कि जो यह कहता हो 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी हैं तो ये क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि शाहीन बाग का धरना कपिल मिश्रा के बयान के बाद से नहीं बल्कि उससे बहुत पहले यानि की 15 दिसंबर से जारी है।

अमित के लोक सभा में दिए बयानों से स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सरकार और पुलिस के रडार पर वो सारे मौलाना और तथाकथित नेता भी हैं, जो हिन्दू, हिन्दुत्व, मोदी, योगी और अमित की कब्र खोदने की बातें बोल मुसलमानों को उकसा रहे थे। अमित शाह को “टकलू” के नाम से सम्बोधित कर रहे थे।

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