दिल्ली दंगों की साजिश 17 फरवरी को अमरावती में रची गई थी

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

आज जिस लिबरल और मुसलमान को देखो दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगों के लिए कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के भाषणों को बताकर, मुल्ला, मौलानाओं और शाहीन बाग़ में गूंज रहे “fuck hindutv”, “हिन्दुत्व तेरी कब्र खुदेगी”, “मोदी तेरी कब्र खुदेगी” और “योगी तेरी कब्र खुदेगी” आदि के अलावा गलियों में छोटे-छोटे बच्चे चीखते नज़र आते थे “मै मोदी को मारूंगा” आदि पर ढक्कन डाल रहे हैं। अनुराग और परवेश के भाषणों के बाद से “fuck hindutv”, “हिन्दुत्व तेरी कब्र खुदेगी”, “मोदी तेरी कब्र खुदेगी” और “योगी तेरी कब्र खुदेगी” आदि के अलावा गलियों में छोटे-छोटे बच्चे चीखते नज़र आते थे “मै मोदी को मारूंगा” पर ही लगाम लगनी शुरू हो गयी थी। वैसे तो जिस दिन शाहीन बाग़ में जमावड़ा शुरू हुआ था, दंगे की नींव तो उसी दिन रख दी गयी थी।

तभी से देश को इन नागरिकता संशोधक कानून के विरोधियों से सतर्क रहने का प्रयत्न किया जा रहा था। लेकिन जनता विरोध को समर्थन देने वाली पार्टियों के हिन्दुओं का गलत इस्तेमाल होने से शेष हिन्दू भ्रमित होता रहा।

उमर खालिद जैसे कई अन्य लोगों के भड़काऊ भाषण बताते हैं

कि दंगों की पूरी प्लानिंग पहले से चल रही थीक्या सीएए विरोधियों ने दिल्ली हिंसा की साजिश पहले ही रच ली थी? क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में देश में बदनाम करने के लिए यह साजिश रची गई थी? बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद का एक वीडियो जारी करते हुए दावा किया है कि हिंसा से पहले लोगों को भड़काने का काम किया गया। दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता बग्गा ने ट्वीट किया है कि जिहादी ताकतों द्वारा ये साजिश पहले ही रच दी गई थी कि जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप भारत मे आएंगे उस दिन टुकड़े-टुकड़े गैंग सड़को पर उतरेगा और देश को बदनाम करने की कोशिश करेगा । 17 फरबरी का उमर खालिद का ये भाषण उसी का सबूत है।

दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों का सबसे भीषण रूप 24-25 फरवरी को देखने को मिला। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मुस्लिम भीड़ का कहर बरपा। कई हिन्दुओं की दुकानें फूँक दी गईं, कईयों के घर जला डाले गए और कई मारे भी गए। हिंसा भड़कने के बाद वामपंथियों के गिरोह विशेष ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए, जिन्होंने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर बैठे उपद्रवियों को हटाने की माँग की थी अथवा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। कपिल शर्मा की आड़ में वारिस पठन, शरजील इमाम, मोहम्मद शाहरुख़, ताहिर हुसैन और हाजी युनुस जैसों की करतूतों को ढका गया।

इन दंगों को भड़काने के लिए पहले से साजिश रची जा रही थी। जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के एक भाषण का विडियो आया हैं, जो दंगों से पहले का है। ये विडियो यूट्यूब पर 17 फरवरी को अपलोड हुआ था। उस समय देश की जनता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे को लेकर उत्साहित थी। उमर खालिद द्वारा महाराष्ट्र के अमरावती में भाषण दिया गया था। अगर आप इसे सुनेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के समय ही दंगे कराने की योजना थी ताकि इंटरनेशनल मीडिया का अटेंशन लिया जाए और प्रशासन को परेशान किया जाए।

जिहादी ताकतों द्वारा ये साजिश पहले ही रच दी गई थी कि जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप भारत मे आएंगे उस दिन टुकड़े-टुकड़े गैंग सड़को पर उतरेगा और देश को बदनाम करने की कोशिश करेगा । 17 फरबरी का उमर खालिद का ये भाषण उसी का सबूत है।

इस भाषण में उमर खालिद कहता दिख रहा है कि गुजरात में झुग्गी-झोपड़ियों को छिपाया जा रहा है ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति ये सब देख न लें। इस विडियो में लोगों को भड़काते हुए जेएनयू का छात्र नेता उमर खालिद कहता है:

“हम वादा करते हैं। 24 फरवरी को जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएँगे तो हम उनको बताएँगे कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री और यहाँ की सरकार देश को बाँटने का काम कर रही है और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के उसूलों की धज्जियाँ उड़ा रही है। हम उन्हें बताएँगे कि हिंदुस्तान की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ लड़ रही है। ये लड़ाई लम्बी है, कभी मायूस मत होइएगा। 50 दिनों में हमने जज्बा पाया है। पिछले 7 साल से हिंदुस्तान के मुसलमानों के ऊपर काफ़ी जुल्म किए गए हैं। मॉब-लिंचिंग की घटनाएँ आम हो गई हैं। तब हमें डर लगता था, हम सड़कों पर निकल कर नहीं आते थे। अयोध्या जजमेंट और अनुच्छेद 370 हटाने का भी विरोध नहीं हुआ तो ये अहंकारी बन गए।”

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