प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) 8 अप्रेल 2015 को भारत में प्रारम्भ की गई भी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे छोटे व्यवसायियों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराना था ताकि इन व्यवसाईयों को अपना व्यापार प्रारम्भ करने में पूंजी की कमी महसूस न हो। यह योजना छोटे कारोबारियों के व्यवसाय को आगे बढ़ाने की दिशा […]
श्रेणी: आर्थिकी/व्यापार
योगेश कुमार गोयल ओडिशा के बालासोर में 2 जून की शाम को हुए भीषण ट्रेन हादसे में करीब तीन सौ लोग मारे गए हैं और एक हजार से भी ज्यादा घायल हुए हैं। इस हादसे में कोलकाता से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी और इसी बीच यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस वहां आ […]
आपको याद होगा कि कुछ समय पूर्व ही भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी क्षेत्र की 11 बैंकों को, इन बैंकों में खराब कर्ज के खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण, त्वरित सुधारात्मक ढांचे के तहत रखा था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कम पूंजी आधार, गैर-पेशेवर प्रबंधन, हताश कर्मचारियों […]
आपको याद होगा कि कुछ समय पूर्व ही भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी क्षेत्र की 11 बैंकों को, इन बैंकों में खराब कर्ज के खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण, त्वरित सुधारात्मक ढांचे के तहत रखा था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कम पूंजी आधार, गैर-पेशेवर प्रबंधन, हताश कर्मचारियों […]
श्री एंगस मेडिसन दुनिया के जाने माने ब्रिटिश अर्थशास्त्री इतिहासकार रहे हैं। आपने विश्व के कई देशों के आर्थिक इतिहास पर गहरा अनुसंधान कार्य किया है। भारत के संदर्भ में आपका कहना है कि एक ईस्वी के पूर्व से लेकर 1700 ईस्वी तक भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित […]
प्रह्लाद सबनानी गरीबी कम करने के लिए वित्तीय समावेशन प्रमुख कारक के रूप में कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री जनधन योजना को लागू करने के बाद से देश में गरीब वर्ग के बीच बैंकिंग सेवाओं में तेजी से प्रगति हुई है। वित्तीय समावेशन आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन का प्रमुख चालक भी बन गया है। […]
बृजेन्द्र सिंह वत्स भारत की अर्थव्यवस्था के लिए दिनांक १८ मई २०२३ को दो समाचार प्राप्त हुए। एक के अनुसार भारत का रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ के पार पहुंच गया, दूसरे के अनुसार भारत में प्रचलित दो हजार के नोट को १ अक्टूबर से बंद कर दिया गया। भारत का रक्षा उत्पादन एक लाख […]
प्रह्लाद सबनानी अतिगरीबी का आकलन 1.9 अमेरिकी डॉलर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन आय के आधार पर किया जाता है। इस परिभाषा के अनुसार किए गए आकलन के अनुसार अब भारत में केवल 0.9 प्रतिशत नागरिक ही इस गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। भारत में विशेष रूप से कोरोना महामारी के बीच एवं इसके […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा परियोजनाओं का समय पर पूरा नहीं होना केवल और केवल दो संस्थाओं यानी कि सरकार की एजेंसी व कार्य करने वाली संस्था के बीच का नहीं होता बल्कि इसका सीधा-सीधा असर आम जन पर पड़ता है। परियोजनाओं में देरी होने से लागत बढ़ती है और इस लागत की वसूली आम आदमी […]
-अनुज अग्रवाल बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि अपना काम करके जा चुकी है और किसान व फल- सब्ज़ी उत्पादक बस चुपचाप बर्बादी की दास्ताँ देख रहा है। हर दो – तीन महीने में बदलने वाले मौसम ने पिछले तीन वर्षों में इतनी करवटें ली है जिसका कोई पैटर्न ही नहीं नजर आ रहा। मौसम के बदलाव […]