प्रह्लाद सबनानी पयर्टन क्षेत्र के तेजी से उबरते ही बढ़ने लग गये हैं रोजगार के अवसर अभी हाल ही में जारी की गई सीधी नियुक्ति मंच हायरेक्ट की ‘जॉब इंडेक्स रिपोर्ट’ के अनुसार, जून 2022 से अगस्त 2022 के तीन महीनों के दौरान टूर एंड ट्रेवल उद्योग में नए रोजगार के अवसरों में जोरदार तेजी […]
श्रेणी: आर्थिकी/व्यापार
डॉ. रमेश ठाकुर सिंगल विंडो सिस्टम लागू होने से निवेशकों के लिए उद्योग धंधे लगाने का रास्ता पहले के मुकाबले अब सुगम हुआ है। ऐसे प्रयास केंद्र से लेकर सभी राज्यों को भी करने चाहिए। राज्य में विकास के लिए हो रहे प्रयासों का प्रतिफल एक गुणात्मक शक्ल के तौर पर दिखा है। बाबा हैं […]
प्रह्लाद सबनानी जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा चालू की गई आकांक्षी जिला योजना के अंतर्गत भी देश के अति पिछड़े 124 जिलों में बहुत सराहनीय कार्य हुआ है। इन जिलों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विशेष रूप से महिलाओं को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का एक […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा पर्यावरण असंतुलन के चलते तेज गर्मी व प्राकृतिक आपदाओं से दुनिया के देश जूझ रहे हैं तो आतंकवादी या हिंसक घटनाओं से कई देशों को दो चार होना पड़ रहा है। दुनिया के देशों में राजनीतिक अस्थितरता के कारण भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। महंगाई की मार […]
प्रह्लाद सबनानी तेल का उत्पादन करने वाली कम्पनियां जो कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल एवं डीजल के रूप में इसका निर्यात के व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं, उनके उत्पादों पर निर्यात कर लागू कर देने से इन कम्पनियों के निर्यात की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। 1 जुलाई 2022 से केंद्र सरकार ने भारत से […]
अभी हाल ही में सम्पन्न हुई विश्व व्यापार संगठन की बैठक में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जो विशेष रूप से, भारत की अगुवाई में, विकासशील देशों की जीत के रूप में देखे जा रहे हैं। दिनांक 17 जून 2022 का दिन विश्व व्यापार संगठन के इतिहास में स्वर्णअक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि […]
अभी हाल ही में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण (आउटलुक) में सुधार (अपग्रेड) किया है। फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को “नकारात्मक” श्रेणी से अपग्रेड कर “स्थिर” श्रेणी में ला दिया है। भारत की सावरन रेटिंग में यह सुधार देश में तेजी से हो रहे आर्थिक सुधारों […]
भारत की 50 प्रतिशत आबादी मातृशक्ति के रूप में विद्यमान है। देश के आर्थिक विकास को यदि पंख लगाने हैं तो इस आधी आबादी को सशक्त कर उन्हें उत्पादक कार्यों में लगाना अनिवार्य है। विशेष रूप से वर्ष 2014 में केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के आने के बाद से भारत में मातृशक्ति […]
प्रह्लाद सबनानी गरीब देशों द्वारा टीके के निर्माण के लिए बौद्धिक सम्पदा अधिकार से सम्बंधित नियमों में कुछ ढील देने का निर्णय किया जरूर गया है परंतु, व्यावहारिक रूप से इन देशों को टीकों के निर्माण में कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। अभी हाल ही में सम्पन्न हुई विश्व व्यापार […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा जब रुस-यूक्रेन में युद्धारंभ हुआ था तब दुनिया के देशों ही नहीं अपितु रुस ने भी नहीं सोचा था कि यह युद्ध इतना लंबा खिंच जाएगा। रुस ने जिस अति आत्मविश्वास के चलते यूक्रेन से युद्ध की शुरुआत की थी तब उसका जो आकलन था वह पूरी तरह से भऱभरा कर […]