निर्मल रानी आस्ट्रेलिया में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से एक आलीशन ट्रेन चलाई गई है जिसका नाम मोदी एक्सप्रेस रखा गया है। भारतवासियों को यह खबर मुबारक हो। रेल से जुड़ी एक और दूसरा शुभ समाचार यह भी सुनाई दे रहा है कि भारत में भविष्य में बुलेट ट्रेन चलती दिखाई देगी। यह […]
श्रेणी: विविधा
कल आपने आरिफ मजीद के बारे में पढ़ा था। आज उसके दूसरे साथी फहद शेख के बारे में कुछ पता चला है। मुंबई के कल्याण में रहनेवाले फहद के पिता तनवीर शेख ने कहा है कि उनके बेटे फहद ने अगर कोई गैर−कानूनी काम किया है तो उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए। उन्हें पता है […]
निर्मल रानी पिछले दिनों भारत सहित पूरे विश्व में दसवीं मोहर्रम अर्थात् यौम-ए-आशूरा के अवसर पर शहीद-ए-करबला हज़रत इमाम हुसैन व उनके परिजनों की शहादत को याद करते हुए विपभिन्न प्रकार के शोकपूर्ण आयोजन किए गए। खासतौर पर शिया समुदाय के लोगों द्वारा इस अवसर पर पारंपरिक रूप से ज़ंजीरों व तलवारों का मातम करते […]
अब से कुछ साल पहले तक हम गर्व से कहते थे कि मुजाहिद्दीन और तालिबान के साथ-साथ लड़ने वालों में दुनिया के कई देशों के मुसलमान युवक लगे हुए हैं लेकिन भारत का कोई भी मुस्लिम जवान इन सिरफिरों के चक्कर में नहीं फंसा है। हम मानते थे कि भारत का मुसलमान आंतरिक मामलों में […]
दक्षेस का 18वां सम्मेलन काठमांडू में हुआ, लेकिन यह सवाल दक्षेस-नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि यह क्षेत्रीय संगठन क्या 18 कदम भी आगे बढ़ पाया है? यह ठीक है कि सदस्य राष्ट्रों के बीच तू-तू मैं-मैं नहीं हुई, लेकिन औपचारिक प्रस्तावों के अलावा क्या हुआ? इस संगठन को 30 साल हो रहे हैं, लेकिन […]
दक्षेस के 18 वें शिखर सम्मेलन का मूल्यांकन कैसे किया जाए? यह कहना शायद काफी ठीक होगा कि आधा गिलास भरा और आधा गिलास खाली रहा। आधा गिलास भरा इस दृष्टि से रहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने नेपाल के साथ कई समझौते किए। पाकिस्तान के साथ कोई कहा−सुनी नहीं हुई बल्कि दोनों देशों के […]
‘राजस्थानी विवाह गीतों’ का बेजोड़ संग्रह प्रकाशित दो सचित्रा पुस्तिकाओं में राजस्थानी गीतों का हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद: साथ में 24 ऑडियों सीडीज का भी संग्रह नई दिल्ली के प्रगति मैदान में सम्पन्न हुए 34वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में आकर्षण का केन्द्र बने राजस्थान मंडप में भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के […]
भाषा के अखाड़े के उस्तादों ने आजकल एक अनोखी कुश्ती शुरु कर रखी है । भारतीय भाषाओं की जर्मन भाषा से कुश्ती । पिछले सात दशकों से भारतीय भाषाओं की अंग्रेज़ी से कुश्ती का खेल चल रहा था । लेकिन […]
पुण्य प्रसून वाजपेयी 16 मई 2014 की तारीख के बाद क्या भारतीय मीडिया पूंजी और खौफ तले दफ्न हो गया। यह सवाल सीधा है लेकिन इसका जवाब किश्तों में है। मसलन कांग्रेस की एकाकी सत्ता के तीस बरस बाद जैसे ही नरेन्द्र मोदी की एकाकी सत्ता जनादेश से निकली वैसे ही मीडिया हतप्रभ हो गया। […]
राजीव कुमार देश का किसान भूखमरी के कगार पर भारत को आजादी के 66 साल से ज्यावदा बीत जाने के बाद भी इस देश का किसान भूखमरी के कगार पर है। गांव के किसान की हालत बद से बदतर है। यदि वर्षात् नही हुई तो उसके पास पानी की घनघोर समस्याा है। जल के अभाव […]