“स्वक्छता अभियान” के तहत ‘गांधी विचार मंच’ ने मालाड स्टेशन परिसर में डस्टबीन और गमले लगाये मुंबई। सामाजिक संस्था ‘गांधी विचार मंच’ के अध्यक्ष श्री. मनमोहन गुप्ता द्वारा मालाड (वेस्ट) में रेलवे ब्रिज के पास दस दिनों से टॉयलेट के लिए ” हस्ताक्षर अभियान” शुरू किया है। और अब स्टेशन परिसर से ही “स्वक्छता अभियान” […]
श्रेणी: विविधा
ब्रजकिशोर सिंह मित्रों,आज से करीब ढाई हजार साल पहले कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में लिखा था कि जिस राज्य के निवासियों को न्याय नहीं मिलता वहाँ अराजकता पैदा होती है और अंततः उस राज्य का अंत हो जाता है। अभी कुछ ही दिन पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दत्तू ने भी भारत की […]
नेता नौकरशाहों का नौकर ही होता है नरेंद्र मोदी जैसे ही प्रधानमंत्री बने, उन्होंने सर्वत्र हिंदी का इस्तेमाल शुरु कर दिया। दक्षेस राष्ट्रों के नेताओं से भी हिंदी में बात की। देश को लगा कि यह ऐसा पहला प्रधानमंत्री आया है, जो गुजराती होते हुए भी राष्ट्रभाषा को उसका उचित स्थान दिलाएगा। यह सच्चा राष्ट्रवादी […]
जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले का अर्थ क्या है? इसका मोटा-सा अर्थ यह है कि कश्मीर के अलगाववादियों के पांव के नीचे की जमीन खिसक गई है। पिछले दो मतदानों में 72 प्रतिशत मतदान होना कोई मामूली बात नहीं है। इतना अभूतपूर्व मतदान तब हुआ है जबकि अलगाववादियों ने उसके बहिष्कार का आह्वान किया था। […]
राजस्थान में पॉवर सिस्टम डवलपमेंट फंड के अन्तर्गत ’’उप-केन्द्रों की सुरक्षा प्रणाली के पुनरूद्वार और उन्नयन’’ तथा बस रिएक्टर्स की संस्थापना के लिए 173. 49 करोड़ रूपये अनुमोदित नई दिल्ली, 09 दिसम्बर, 2014। राजस्थान में पॉवर सिस्टम डवलपमंेट फंड के अन्तर्गत ’’उप-केन्द्रों की सुरक्षा प्रणाली के पुनरूद्वार और उन्नयन’’ तथा बस रिएक्टर्स की संस्थापना के लिए […]
संजय स्वदेश संदर्भ : दलहन और तिहलन का घटता उत्पादन बढ़ता आयात फाइलों के खोह में अटकी दलहन क्रांति खास बात : देश में हर साल 30 हजार करोड़ के खाद्य तेल का आयात किया जा रहा है। 90 के दशक में तिलहन के मामले में देश आत्म निर्भरता के करीब था। देश में […]
ये जो तीसरा मोर्चा बन रहा है, यह मुलायम होगा या कठोर? छह प्रांतीय दलों के इस मोर्चे की जान मुलायमसिंह यादव हैं, यह सभी जानते हैं। उत्तरप्रदेश में कभी एक नारा चला था। नाम मुलायम, काम कठोर! लेकिन इस बार यह मोर्चा कठोर बन पाएगा, इसमें संदेह दिखाई पड़ता है। जब 1977 में जनता […]
साध्वी निरंजन ज्योति को लेकर संसद, अखबारों और चैनलों पर हंगामा मचा हुआ है। खेद है कि उनके खिलाफ वे सब लोग सड़कों पर नहीं उतरे हैं, जिन्हें उन्होंने ‘हरामजादा’ कहा है। उनका वैसा कहना घोर अशिष्टता तो है ही, वह कथन इतना बेबुनियाद और मूर्खतापूर्ण है कि उस पर कोई प्रतिक्रिया करें भी तो […]
मनीराम शर्मा भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त शेषन ने एक बार कहा था कि लोकतंत्र के चार स्तम्भ होते हैं और उनमें से साढ़े तीन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं | उसके बाद आगे हुई प्रगति को देखकर वर्तमान का आकलन किया जा सकता है | वैसे भी राजनीति, पुलिस और सेना में हुक्म मानने वाले […]
प्राधिकरणों के घोटालों पर जन जागृति हेतु होगा ‘मौलिक जन संवाद’ का आयोजन सभी जाँच एजैंसियों को भेजे जायेंगे एकत्र किये गये सबूत व दस्तावेज मौलिक भारत संस्था के नोयडा स्थित मुख्य कार्यालय में आज हुई। आपात बैठक में अपनी 6 दिसम्बर की प्रेस वार्ता में उठायी गयी नोयडा के घोटालो पर एसआईटी के […]