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अब चली ‘नरेन्द्र मोदी लहर’ के मायने

देश में यह पहली बार नही है कि जब मोदी जैसे किसी नेता की लहर चल रही है। इससे पूर्व भी ऐसे कई मौके आए हैं जब देश में किसी नेता की लहर चली है। यह सच है कि जब-जब देश में कोई लहर चली है तो लोगों ने बढ़ चढ़कर चुनाव में भाग लिया […]

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अटल जी, मनमोहन सिंह, मोदी और इतिहास

इस समय भाजपा के 63 वर्षीय नेता नरेन्द्र मोदी का कद भाजपा से ऊपर हो गया है। उन्होंने देश के आम आदमी तक अपना संवाद स्थापित कर नई मिसाल कायम की है। सचमुच इतनी ऊंचाई तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नही है, परंतु मोदी इस सबके बावजूद अभी अटल जी से आगे […]

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भ्रष्टाचार के मजबूत स्तंभों पर टिकी भारतीय शासन व न्याय व्यवस्था

मनीराम शर्मा भारत का सरकारी तंत्र तो सदा से भी भ्रष्ट और निकम्मा रहा है इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा प्रेषण प्रक्रिया में प्रारंभ में पुलिस की सीधी सेवाएं ली जाती थी किन्तु पुलिस स्वयं पेटियों  को तोडकर धन चुरा लेती और किसी की भी जिम्मेदारी  तय नहीं हो […]

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263 अपराधी भी जीत गये तो क्या होगा

राकेश कुमार आर्यनई दिल्ली। अपनी बात दो प्रसंगों से आरंभ करते हैं। पहला प्रसंग है शहीदे आजम भगत सिंह का। भगत सिंह अभी बालक ही थे और विद्यालय में अपनी पढ़ाई कर रहे थे। एक दिन वे अपनी कक्षा में विचार मग्न मुद्रा में चुपचाप बैठे थे। तभी उनकी कक्षा का निरीक्षण करने हेतु अधिकारी […]

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मौन पी.एम. बनाम बोलने वाला पी.एम.

हम एक अद्भुत युगांतरकारी घटना के साक्षी बन रहे हैं, जब एक लादे गये प्रधानमंत्री के लिए इतिहास अपना अध्याय बंद कर रहा है, और उसी समय इतिहास नई आशाओं के साथ अपनी आंखें खोलते हुए नया सवेरा होने की अनूभूति करा रहा है। हम अवसान और उत्थान का अदभुत मिलन देख रहे हैं। हम […]

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विध्वंस का विकास हुआ तो सृजन उत्पन्न हुआ-(भाग-दो)

राम सिंह यादवगतांक से आगे…………..आज की गई भूल या अनदेखी उस वक़्त काल नजर आ रही होगी। वर्तमान की एक छोटी गलती विश्व को किस मोड़ पर खड़ा करेगी उसका अंदाज़ लगाना कठिन है जिस प्रकार सिर्फ दो लोगों की क्षुद्र सत्ता भूख ने भारत और पाकिस्तान का विभाजन कराया और आज दोनों देशों को […]

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नही बनेंगे मनमोहन ‘नये जुगाड़’ का नया नेता

उगता भारत: एक चिंतन) देश विकल्पहीनता के कुहासे से बाहर निकल रहा है। बहुत संभावना है कि इस बार चुनाव के उपरांत देश में कोई देवेगौड़ा नही थोपा जाएगा। जनता में पहली बार एक लंबे काल के पश्चात एक नई चेतना सी है, और विशेष खुशी की बात ये है कि देश का युवा वर्ग […]

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गोहत्या बन्दी का आश्वासन देने वाले को ही संसद भेजें

शिवकुमार गोयलइस माह अप्रैल में पूरे देश में लोकसभा के चुनाव संपन्न होंगे। मतदान के माध्यम से ही हम राष्ट्रभक्त कत्र्तव्यशील तथा बेदाग प्रतिनिधियों के हाथों केन्द्र की बागडोर सौंप सकते हैं।विगत दो दशकों से केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार रही है। इस सरकार ने भ्रष्टाचार, अनाचार तथा अन्य सभी बुराईयों के रिकार्ड […]

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भारतीय राजनीतिक दर्शन में चाणक्य की उपयोगिता

कन्हैया झाअगले माह देश में आम चुनाव होने वाले हैं। देश की दो मुख्य पार्टियों के अलावा अनेक राज्य स्तरीय पार्टियां मैदान में हैं। पिछले एक वर्ष में सभी पार्टियों के छोटे-बड़े सभी नेताओं ने एक दूसरे के प्रति खूब विष-वमन किया है और चुनाव के बाद भी संसद में एक दूसरे के प्रति यह […]

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उत्तर प्रदेश पर है सब पार्टियों की नजर

राजनीतिक विश्लेषण (उ. भा.)गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश ने भारतीय राजनीति में पहले दिन से ही अपनी खासी जगह बनायी है। इस प्रदेश ने अब तक कुल 8 प्रधानमंत्री देश को दिये हैं। इन प्रधानमंत्रियों में जहां देश के पहले तीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी सम्मिलित रहे हैं, वही चौधरी चरण सिंह, […]

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