लुटेरों को राज्यसिंहासन और वास्तविक उत्तराधिकारियों को वनवास दिलाना भारतीय प्रचलित इतिहास का सबसे घातक छल प्रपंच है। जिन इतिहास लेखकों ने इस राष्ट्र अपघात को करने में किसी भी प्रकार से सहयोग दिया है वे सभी ‘मंथरा’ की भूमिका में हैं। महमूद गजनवी का लुटेरा व्यक्तित्व भी भारत के लिए ऐसा ही है, जिसे यहां […]
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महर्षि दयानंद जी महाराज ने अपने अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के ग्यारहें समुल्लास में आर्य राजाओं की वंशावली दी है। जिसे हम यहां यथावत देकर तब उस पर विचार करेंगे कि इस वंशावली को देने के पीछे महर्षि का मन्तव्य क्या था और हमने उस मन्तव्य को समझा या नही? :- आर्यावर्त्तदेशीय राज्यवंशावली इंद्रप्रस्थ के आर्य लोगों ने श्रीमन्तमहाराज यशपाल […]
स्वामी विवेकानंद और योगी अरविंद का मत रहा है कि भारत की शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य अपने देश की विरासत की आध्यात्मिक महानता पर बल देना और उसे बनाए रखने के लिए हमारे दायित्व के निर्वाह पर बल देना होना चाहिए, जिससे हम विश्व को प्रकाश का मार्ग दिखा सकें। यदि आध्यात्मिकता भारत से लुप्त […]