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स्वर्णिम इतिहास

भारत का स्वर्णिम इतिहास भारत को ‘सोने की चिडिय़ा’ क्यों कहते थे (3)

एस. सी. जैन गतांक से आगे… अंग्रेज जो खगोलशास्त्री है, नक्षत्रशास्त्री है, उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि भारत के सोम, मंगल, बुध को हमने लेकर संडे, मंडे, ट्यूज्डे कर दिया है। यह सब भारत से उधार लिया है। 10वीं शताब्दी में भारतीय वैज्ञानिकों ने यह प्रमाणित किया था कि पृथ्वी अपने कक्ष […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत का स्वर्णिम इतिहास भारत को ‘सोने की चिडिय़ा’ क्यों कहते थे (2)

एस. सी. जैन गतांक से आगे… भारत में कालीकट ढाका और सूरत मालवा में इतना महीन कपड़ा बनता है कि पहनने वाले का शरीर ऐसे दिखता है कि मानो वे एक दम नग्न है। इतनी अदभुत बुनाई भारत के कारीगर जो हाथ से कर सकते हैं, वह दुनिया के किसी भी देश से कल्पना करना […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत का स्वर्णिम इतिहास भारत को ‘सोने की चिडिय़ा’ क्यों कहते थे (1)

एस. सी. जैन भारत का एक अतीत है जो बहुत पुराना है जो वेदों के समय से लेकर दसवीं शताब्दी तक का है। भारत के उस अतीत के बारे में बात करेंगे जो हाल में हमारे सामने रहा। 100-200 साल पहले 18 शताब्दी, 17 शताब्दी व 15 शताब्दी तक आज से लगभग 100-150 साल पहले […]

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