Categories
अन्य कविता

बेटियाँ

सारे जहाँ के रिश्तों से भी प्यारी है बेटी,दो दो घरों की होती जिम्मेदारी है बेटी,सौभाग्य से खिलते हैं ऐसे पुष्प बाग़ में,आँगने से बगिया की फुलवारी है बेटी, वो जिन्दगी में खुशियाँ कभी पाते नहीं हैं,आरामो-चैन उनके पास आते नहीं हैं,जो बेटियों को रखते नहीं प्यार से यहाँ,भगवान भोग उनके हाँथ खाते नहीं हैं, […]

Exit mobile version