प्रस्तुति : श्रीनिवास आर्य तूने तो ऐसे निर्दोष योद्घाओं को रात की वेला में उस समय मार डाला जब वे सर्वथा निश्चिंत होकर सोये थे। उनकी हत्या करके तूने कौन सी वीरता दिखाई़ निद्रा में अचेत पांचाली के सुकुमार बालक तो शव की भांति निश्चल पड़े थे। पांचाली के उन पुत्रों की निर्ममतापूर्वक हत्या करवा […]
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उससे बात करते हुएमुझे बहुत सारे रंग याद आते हैंचाँद, सूरज की तरह सिंदूरी हो जाता हैरात कुछ बैंगनी हो जाती हैऔर तारे सफेद नाग चम्पा के फूलों सेमहकने लगते हैंकी-बोर्ड पर नाचती हैं हमारी उँगलियाँकिसी रक्कासा सीउस वक्त हम सिर्फ विश्वास लिखते हैंहम अक्सर अतीत की पोथियों में लिखाअपना भाग्य बाँचते हैंवह पूछती हैसीता […]