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सत्, चित्, आनंद का महाविलास

आनंद सनातन अभीप्सा है। सृष्टि का प्रत्येक प्राणी आनंद का प्यासा है। प्रकृति आनंद से भरी पूरी है भी। हम प्रकृति का अंश हैं। गणित में अंश पूर्ण से छोटा होता है लेकिन भारतीय अनुभूति में अंश पूर्ण है। पूर्ण में पूर्ण घटाओ तो भी पूर्ण। ऋग्वेद आनंदगोत्री पूर्वजों का ही मधु-मंत्रकोष है। सभी देव […]

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