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शिक्षा के बाजारीकरण से लुप्त हो रहा गुरू-शिष्य प्रेम

निर्भय कुमार कर्ण शिक्षक और छात्र के बीच प्रथम दृष्टतया अनुशासनात्मक संबंध होता है। शिक्षण व्यवस्था में शिक्षक और छात्र दोनों की अहम भूमिका है। दोनों आपस में एक गति और लय से आगे बढ़े, तभी विकास संभव है।देखा जाए तो जब तक अनुशासन परस्पर कायमरहता है तब तक शिक्षक और छात्र के बीच का […]

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