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अपनी बात पर अटल रहे मोदी

ऐसा नहीं है कि भारत का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री कुछ बोले तो वह राष्ट्र के लिए वेद−वाक्य बन जाता है। ऐसा भी नहीं है कि उनकी वाणी को संत−वाणी की तरह पवित्र माना जाता है, लेकिन उनके राज में किसी मुद्‌दे पर गहरी हलचल मची हो और वे चुप रहें तो देश अपने आप से […]

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