महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश में वैदिक धर्म के सत्यस्वरूप को प्रस्तुत कर उसका प्रचार किया था। उनके समय में धर्म का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। न कोई धर्म को जानता था न अधर्म को। धर्म पालन से लाभ तथा अधर्म से होने वाली हानियों का भी मनुष्यों को ज्ञान नहीं था। ईश्वर का […]
Author: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् ============= मनुष्य तथा पशु-पक्षी आदि सभी प्राणियों की उत्पत्ति अपने पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये हुई है। मनुष्य योनि उभय योनि है जिसमें मनुष्य पूर्वजन्मों के कर्मों का फल भोगता है तथा नये कर्मों को भी करता है। यह नये कर्म मनुष्य के बन्धन व मोक्ष का […]
भारत विश्व का सबसे प्राचीन राष्ट्र है। भारत ने ही सृष्टि के आरम्भ से विश्व के लोगों को भाषा एवं ज्ञान दिया है। विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थों में प्रमुख मनुस्मृति के अनुसार भारत वा आर्यावर्त देश ही विश्व में विद्वान, चरित्रवान व गुणी लोगों को उत्पन्न करने वाला देश है। यहां के ऋषि, मुनि, विद्वान […]
ओ३म् =========== संसार में धर्म व नैतिकता विषयक अनेक ग्रन्थ हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। इन सब ग्रन्थों की रचना व परम्परा का आरम्भ सृष्टि के आदिकाल में ही ईश्वर प्रदत्त वेदों का ज्ञान देने के बाद से हो गया था। सृष्टि को बने हुए 1.96 अरब वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में […]
ओ३म् =========== हम और हमारा यह संसार परमात्मा के बनाये हुए हैं। संसार में जितने भी प्राणी हैं वह सब भी परमेश्वर ने ही बनाये हैं। परमेश्वर ने सब प्राणियों को उनके पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये बनाया है। परमात्मा ने मनुष्यों के शरीर की जो रचना की […]
ओ३म् =========== परमात्मा की सृष्टि में अनेक अनादि, नित्य व शाश्वत् आत्मायें जन्म लेती हैं। अधिकांश ऐसी होती हैं जो जन्म लेती हैं और मर जाती हैं। लोग उन्हें जानते तक नहीं। इनका जीवन अपने सुख व समृद्धि में ही व्यतीत होता है। इसके विपरीत कुछ आत्मायें ऐसी भी होती हैं जो मनुष्य जन्म लेकर […]
ओ३म् ========== आज दिनांक 12-5-2020 को एक बार पुनः भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने करोना महामारी की चर्चा की और कहा कि इस रोग को हमें रोग से बचाव सम्बन्धी सभी सावधानियों को रखकर पराजित करना है। इसके साथ ही देश की उन्नति सहित निर्धन […]
हमें मनुष्य का जन्म क्यों प्राप्त हुआ है? इसके पीछे कौन सी अदृश्य सत्ता व शक्ति है जिसने निश्चित किया कि हमारी आत्मा को मनुष्य जन्म मिले? इसका उत्तर वैदिक साहित्य को पढ़ने से मिलता है। मनुष्य को मनुष्य जन्म उसकी आत्मा के पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर मिलता है। इन कर्मों को जीवात्मा […]
ओ३म् =========== आर्यसमाज का अस्तित्व वेद पर आधारित है। वेद ईश्वरीय ज्ञान और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद ज्ञान व विज्ञान से युक्त व इनके सर्वथा अनुकूल है। वेद विद्या के ग्रन्थ हैं। वेद में अन्य ग्रन्थों के समान, कहानी किस्से व किसी आचार्य व मत प्रवर्तक के उपदेश नहीं हैं अपितु वेदों […]
ओ३म् -महाराणा प्रताप जी की जयन्ती पर- ============ आज भारत के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रखने वाले एक देशभक्त निर्भीक व साहसी क्षत्रिय महापुरुष, वैदिक धर्म व संस्कृति के आदर्श एवं भारत माता के वीर सपूत महाराणा प्रताप जी की जयन्ती है। महाराणा प्रताप जी का जन्म आज ही के दिन 9 मई, सन् 1540 […]