नरेन्द्र से स्वामी विवेकानंद तक का सफर

स्वामी विवेकानंद, जिंदगी को बहुत ही अध्यात्मिक तरीके से जीना पसंद करते थे। उनकी दिनचर्या पर गौर किया जाए तो उनका हर एक कार्य दुसरे से हटकर और विशेष होता था। आइए जानते है उनके जीने के मुख्य सफल सूत्र…

स्वयं के प्रति ईमानदार रहें। खुद पर यकीन रखेंगे तो दुनिया जीत सकते हैं।

इस दुनिया में कोई भी कार्य ऐसा नहीं है जो इंसान नहीं कर सकता है। अगर दुनिया में कोई पाप सबसे बड़ा है तो वह है अपने आपको कमजोर कहना।

अपना रास्ता खुद बनाएं। इस दुनिया में नाम करने के लिए अलग सोच का होना जरूरी है। हमेशा कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते रहें।

प्रेम ही जीवन को सुंदर बनाता है। जो लोगों से प्रेम करता है वह हमेशा उनके दिलों में जिंदा रहता है जबकि स्वार्थी मनुष्य को सभी भूल जाते हैं। हमारे विचार ही हैं जो दुनिया को खूबसूरत बनाते हैं, या बदसूरत करके रख देते हैं। दुनिया हमारी सोच का प्रतिबिंब हैं। चीजों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की आदत डालें।

हर एक वस्तु का कोई न कोई मतलब होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु पवित्र है, सुंदर है और बढिय़ा है। अगर आपको कोई चीज बुरी दिखती है, तो समझ लें कि अभी आपने उस चीज को सही से जाना नहीं है।

आप ईसा मसीह की तरह महसूस करें आप ईसा मसीह बन जाएंगे। आप बुद्ध की तरह महसूस करें आप बुद्ध बन जाएंगे। यह आपके विचार, आपकी भावनाएं होती हैं जो आपको ताकत देती हैं, उस दूसरी दुनिया से परिचय कराती हैं। यदि आप किसी की मदद कर सकें तो अच्छा होगा। अगर आप अपने हाथों से मदद नहीं कर सकते, तो उन्हें जोडि़ए और ऐसे लोगों पर किसी भी प्रकार का दोषारोपण नहीं कीजिए।

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