भगवा वस्त्र पहने महाराष्ट्र निवासी अब्दुल वहाब तमिलनाडु में पकड़ा गया

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
मुंबई आतंकी हमले में जिन्दा पकडे गए आतंकी कसाब के हाथ में कलावा बंधा था, यदि वह जिन्दा नहीं पकड़ा गया होता, तत्कालीन सरकार जो “हिन्दू आतंकवाद” और “भगवा आतंकवाद” के नाम पर हिन्दुओं को अपमानित करने में दिन-रात के किए हुए थी, कसाब के मर जाने पर तत्कालीन सरकार की मंशा पूरी हो गयी होती।
ठीक कसाब की भांति महाराष्ट्र का रहने वाला अब्दुल वहाब भगवा वस्त्र धारण कर तमिलनाडु में किसी अनहोनी को अंजाम देने की ताक में था, ताकि पाकिस्तान दुनियां में कहता फिरता कि “आतंकी हमले हिन्दू करते हैं, और बदनाम पाकिस्तान को किया जा रहा है।” और भारत में रह रहे पाकिस्तान समर्थक नेता और पार्टियां भी पाकिस्तान की बोली बोल भारत एवं विश्व को भ्रमित करते।
महाराष्ट्र के संगली जिले के रहने वाले मुस्लिम युवक को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। अब्दुल वहाब नाम के बताए जा रहे इस युवक पर पुलिस को शक इसके भगवा पहनावे से हुआ है, जोकि अमूमन हिन्दू साधुओं का पहनावा माना जाता है।
दरगाह पर सोने से हुआ शक
वहाब ने न केवल गेरुए वस्त्र धारण किए हुए थे, बल्कि साधुओं जैसी बढ़ी हुई दाढ़ी, मूँछ के अलावा हिन्दू साधुओं द्वारा इस्तेमाल होने वाली कई अन्य चीज़ें भी उसके पास से बरामद हुईं हैं। वह 8 महीने से जिले के चक्कर काट रहा था, और उस पर किसी को शक न होता अगर उसने एक गलती न की होती- उसने सोने की जगह गलत चुनी। वहाब सोने के लिए हिन्दू साधु के भेष में ही रामनाथपुरम जिले से 25 किलोमीटर दूर एरवाडी गाँव में स्थित पुरानी दरगाह पर जाता था। यह दरगाह पूरे राज्य में प्रसिद्ध है, और दूर-दूर से लोग इस पर आते हैं। माना जाता है कि यह दरगाह मानसिक रोग दूर कर सकती है।
स्थानीय लोगों का ध्यान जब अब्दुल वहाब की इस अजीब दिनचर्या पर गया तो उन्हें शक हुआ, और उन्होंने पुलिस को इत्तला की। उसके बाद पुलिस ने वहाब को गिरफ़्तार कर लिया।

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