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स्वीडन : ‘मस्जिदों को कर दो ध्वस्त, इस्लाम से लड़ने का यही उपाय’: घुसपैठियों पर भी बरसे जिम्मी अकेस्सन, सत्ताधारी नेता

                               एक टूटी मस्जिद और जिम्मी अक्केसन (चित्र साभार: India TV & SVT)

स्वीडन के दक्षिणपंथी नेता जिम्मी अकेस्सन ने कहा है कि पुलिस को उन मस्जिदों में खोज अभियान चलाना चाहिए और उन मस्जिदों को ध्वस्त कर देना चाहिए जहाँ लोकतंत्र विरोधी बातें की जा रही है। उनके इस बयान का देश के प्रधानमंत्री उल्फ़ क्रिस्टरसन ने विरोध किया है।
जिम्मी अकेस्सन का कहना है कि मस्जिदों को तोड़ना और उनमें खोज अभियान के जरिए ही बढ़ते इस्लामीकरण से लड़ा जा सकता है। जिम्मी अकेस्सन का कहना है कि नई मस्जिदों को बनाने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं दी जानी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि देश में बाहर से आने वाले अवैध घुसपैठियों को मस्जिदें बनाने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए।

अकेस्सन ने कहा, “हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम न मस्जिदों को तोड़ना और सीज करना चालू करें जहाँ से सर्वाधिक लोकतंत्र-विरोधी, स्वीडन-विरोधी, सेमेटिक विरोधी, होमोफोबिक-विरोधी और स्वीडिश समाज विरोधी प्रोपेगंडा निकलता है।”

जिम्मी अकेस्सन स्वीडन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट के नेता हैं। वह सरकार के साथ गठबंधन में भी शामिल हैं। उनकी पार्टी के पास स्वीडन की संसद रिक्स्दाग में 72 सीटें हैं। उनके बयान का स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ़ क्रिस्टरसन ने विरोध किया है।

प्रधानमंत्री उल्फ़ क्रिस्टरसन ने कहा है कि अकेस्सन का ‘असम्माननीय’ है। उल्फ़ क्रिस्टरसन ने कहा है कि स्वीडन के अंदर हम इबादतगाहों को गिराते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो अकेस्सन ने कहा है वह स्वीडिश मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा है कि हमें कट्टरपंथ से लड़ना चाहिए लेकिन लोकतांत्रिक फ्रेमवर्क में रहकर लड़ना चाहिए।

प्रधानमंत्री अकेस्सन ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि ये हमारे NATO में शामिल होने के मौके भी कम करता है। गौरतलब है कि स्वीडन NATO में शामिल होना चाहता है लेकिन तुर्की उसे समर्थन नहीं दे रहा है। तुर्की का कहना है कि स्वीडन में इस्लामोफोबिया बढ़ रहा है इसलिए हम उसका समर्थन नहीं करेंगे। स्वीडन में इससे पहले कुरान जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

इंडिया फर्स्ट से

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