अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा है कि देश आज अत्यंत निराशाजनक परिस्थितियों से गुजर रहा है। पूर्वोत्तर भारत में आसाम जो कभी प्राग्ज्योतिषपुर अर्थात जहां सूर्य की ज्योति सबसे पहले प्रकाशित होती है, वहां आज हिंदू समाज के लाखों लोग बेघर हुए पड़े हैं। स्वामी महाराज ने देश के नेताओं की संवेदनशून्यता पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि असम की आग को दिल्ली के वातानुकूलित भवनों में बैठे महसूस नही कर रहे हैं। फिर भी आजादी की 65वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के उद्यम और पुरूषार्थ यदि समीक्षा की जाए तो हमारे वैज्ञानिकों किसानों, और मजदूरों ने देश की तरक्की में निश्चित ही चार चांद लगाये हैं। इसलिए देश के इन वर्गों को और देश की सुरक्षा व्यवस्था में जवानों को प्रशंसित करने का अवसर है। लेकिन जब बात राजनैतिक नेतृत्व की आती है तो निराशा ही हाथ आती है। स्वामी महाराज ने कहा कि राजनीति महाभारत में सबसे बड़ा धर्म बताई गयी है क्योंकि राजनीति की पवित्रता से समाज के अन्य कार्यों की पवित्रता और शुचिता स्थापित रह पाती है।
यदि इस धर्म में अपवित्रता आ जाती है तो समाज के अन्य सभी क्रियाकलाप विकृत हो जाते हैं। स्वामीजी महाराज ने कहा कि इस समय भ्रष्टाचार को लेकर देश में बहुत ही निराशा का माहौल बना हुआ है। इसमें कांग्रेस का ही दोष नही है, बल्कि भाजपा सहित अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों ने केन्द्र में या प्रांतों में अपने-अपने शासन के दौरान यह सिद्घ कर दिया है कि देश को लूटने में वह भी पीछे नही हैं।
जो लोग कांग्रेस पर कही छींटाकशी कर रहे हैं क हीं उन्हीं पर कांग्रेस अपनी भड़ास निकाल रही है। देश के समझदार लोग इन बेइमान लोगों के इस झूंठे खेल को देख रहे हैं। जिसे देखकर सचमुच इन लोगों पर दया आती है।
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