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ठाकरे ने सुषमा स्वराज को पीएम पद की अपनी पहली पसंद क्यों बताया?

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने भाजपा की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष श्रीमति स्वराज को पीएम पद की अपनी पहली पसंद बताया है। भाजपा ने ठाकरे की इस पसंद को ये कहकर हल्का करने का प्रयास किया है कि भाजपा में पीएम पद के एक नही बल्कि दस अच्छे प्रत्याशी हैं। यानि भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व की नीति पर चलकर चुनावी वैतरणी को पार करने की योजना बनाते हुए संकेत दिया है कि पीएम का फैसला चुनावों के परिणाम को देखकर ही किया जाएगा। भाजपा में भीतर ही भीतर हिंदुत्व के मुद्दे पर मतभेद हैं कुछ लोगों का मानना है कि भाजपा पिछले चुनावों में पीछे इसलिए रही है इसने हिंदुत्व पर अधिक बल दिया। अत: अब इसे हिंदुत्व के प्रति वैरागी होने का भावप्रदर्शन करना चाहिए। जबकि दूसरे पक्ष का मानना है कि हिंदुत्व देश में प्रखरता और प्रबलता से उभर रहा है, इस्लामिक आतंकवाद और मुस्लिम बहुत क्षेत्रों में लव जिहाद के बहाने हिंदुओं की बहू बेटियों से बढ़ती छेड़छाड़ की घटनाओं से हिंदू तंग आ चुके हैं, इसलिए जितना हिंदुत्व के पक्ष में माहौल बना है उसे कैश कर लिया जाए। भाजपा में जो लोग हिंदुत्व के मुद्दे को शांत रखने के हिमायती हैं, वो मनमोहन सरकार के भ्रष्टाचार के कारण बने माहौल को कैश करना चाहते हैं। ऐसे लोगों की भाजपा में और भाजपा के बाहर सुषमा स्वराज पहली पसंद हो सकती हैं। जबकि हिंदुत्व के मुद्दे को आगे रखकर चल रहे लोगों की पहली पसंद नरेन्द्र मोदी हैं। नरेन्द्र मोदी के सामने केन्द्र के सभी नेताओं की शान फीकी पड़ती है। वह एक प्रदेश के मुख्यमंत्री होकर बड़े नेताओं की नीदें उड़ा रहे हैं, बस यही बात उनके व्यक्तित्व का गुण भी है और अवगुण भी। शिवसेना देश में उग्र हिंदूवाद की समर्थक रही है। वह भाजपा को ‘अटल पैटर्न’ पर चलता देखना पसंद नही करती। जबकि श्रीमति सुषमा स्वराज नरेन्द्र मोदी की भांति एक प्रखर हिंदूवादी नेता की छवि नही रखती है। पर फिर भी शिवसेना प्रमुख ने उन्हें पहली पसंद बताया है, तो इसका कोई न कोई कारण तो होगा ही। शिवसेना प्रमुख ने अपने तीर से कई शेरों को घायल किया है। उन्होंने आडवाणी को बताया है कि वह अब भीष्म की भूमिका में आ जाएं। राजतिलक करें, अपना राजतिलक कराने की बात अब ना सोचें। क्योंकि उनके दिन अब लद चुके हैं। दूसरे शिव सेना के लिए महाराष्ट्र के पड़ोसी प्रांत गुजरात से पीएम का बनना खतरे से खाली नही रहेगा। नरेन्द्र मोदी के उग्र हिंदूवाद का समर्थन करना या न करना शिवसेना को कल को धर्मसंकट में डालेगा, इसलिए अच्छा रहेगा कि सुषमा के उदारवादी हिंदुत्व को अवसर दिया जाए, जिसे कोसकर अपना उल्लू सीधा किया जा सके। इसलिए शिवसेना प्रमुख ने एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह भाजपा से श्रीमति स्वराज के नाम को पीएम पद के लिए अपनी पहली पसंद बताया है।

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