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विपक्ष का संयुक्त घूसा भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा प्रधानमंत्री मोदी का

अंकित सिंह

2024 चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। हाल में ही विपक्षी दलों की एक बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है। विपक्षी एकता को इंडिया का नाम दिया गया है। इसके बाद से इस बात पर सबसे ज्यादा चर्चा तेज हो गई है कि 2024 की राह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुश्किल रहने वाली है। एक ओर विपक्षी एकता है तो दूसरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा। ऐसे में कहीं ना कहीं कागजों पर विपक्षी एकता को काफी मजबूत माना जा रहा है। संयुक्त मोर्चे के लिए यह आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है। हालांकि, हम आपको एक ऐसा आंकड़ा बताने जा रहे हैं जिससे भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए भी खुश हो सकती है। इस आंकड़े से यह पता चलता है कि अगर विपक्ष एक हो भी जाए तो भी भाजपा 224 सीटों पर आसानी से जीत सकती हैं। ऐसा 2019 के चुनावी नतीजों से पता चलता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर हमला किया और कहा कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ विभिन्न राज्यों में 200 से अधिक निर्वाचन क्षेत्र हासिल किए। प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि 26 विपक्षी दलों का एक साथ आना भी उनके चुनावी विजय रथ को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। 2014 में, भाजपा ने 50% से अधिक वोट शेयर के साथ 136 सीटें जीतीं। वहीं, इंडिया टीवी डिजिटल के एक करीबी विश्लेषण के अनुसार भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ 224 लोकसभा सीटें जीतीं। इस संख्या में उत्तर प्रदेश ने 40 सीटों के साथ सबसे अधिक योगदान दिया, उसके बाद गुजरात (26), मध्य प्रदेश (25), राजस्थान (23) और कर्नाटक (22) का स्थान रहा। 543 सदस्यीय लोकसभा में 272 बहुमत का आंकड़ा है। यह एक स्पष्ट संकेतक है कि विपक्षी गठबंधन के बाद भी, भगवा पार्टी को उसके गढ़ों में हराना आसान नहीं होगा।

उत्तर प्रदेश
समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और अजित सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के ‘महागठबंधन’ के बाद भी बीजेपी और उसके गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने 64 सीटों (62: बीजेपी और 2: अपना दल-एस) पर जीत हासिल की। इस तिकड़ी का गठबंधन केवल 15 सीटें हासिल कर सका, जबकि मायावती की बसपा ने 10 सीटें जीतीं। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा को केवल 5 सीटें मिलीं। राहुल गांधी के अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी से हारने के बाद सोनिया गांधी रायबरेली से कांग्रेस पार्टी की एकमात्र विजेता थीं। पूरे राज्य में एनडीए को 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर मिला। भाजपा ने 50% से अधिक वोट शेयर के साथ राज्य में 40 लोकसभा सीटें जीतीं। ये सीटें थीं कैराना, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलन्दशहर, अलीगढ, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, एटा, आंवला, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, खीरी, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, लखनऊ, फर्रुखाबाद, इटावा, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झाँसी, हमीरपुर, फ़तेहपुर, फूलपुर, इलाहाबाद, बहराईच, कैसरगंज, गोंडा, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगाँव, सलेमपुर और वाराणसी।

गुजरात
भाजपा ने 2019 में गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। नवसारी, वडोदरा और सूरत में पार्टी को 70 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। पार्टी ने कच्छ, बनासकांठा, महेसाणा, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, राजकोट, भावनगर, खेड़ा, पंचमहल, छोटा उदयपुर और वलसाड में 60 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल किया। पार्टी ने पाटन, साबरकांठा, सुरेंद्रनगर, पोरबंदर, जामनगर, जूनागढ़, अमरेली, आनंद, दाहोद, भरूच और बारडोली निर्वाचन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ आसानी से जीत हासिल की।

मध्य प्रदेश
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर 28 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। पार्टी ने 50% से अधिक वोट शेयर के साथ राज्य में 25 सीटें हासिल कीं। ये सीटें थीं भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, होशंगाबाद, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा और बैतूल।

राजस्थान
यह दूसरा राज्य है जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा ने 2019 में राजस्थान में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ 23 लोकसभा सीटें जीतीं। ये सीटें थीं गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा , कोटा और झालावाड़-बारां।

कर्नाटक
भाजपा ने कर्नाटक में 25 सीटों के साथ भारी जीत दर्ज की और कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) गठबंधन को ध्वस्त कर दिया था। भगवा पार्टी ने 2019 में कर्नाटक में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ 22 लोकसभा सीटें जीतीं। ये सीटें थीं चिक्कोडी, बेलगाम, बागलकोट, बीजापुर, गुलबर्गा, रायचूर, बीदर, बेल्लारी, हावेरी, धारवाड़, उत्तर कन्नड़, दावणगेरे, शिमोगा, उडुपी चिकमगलूर, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, मैसूर, बेंगलुरु नॉर्थ, बेंगलुरु सेंट्रल, बेंगलुरु साउथ, चिक्कबल्लापुर और कोलार। भगवा पार्टी ने अपने चुनावी इतिहास में पहली बार चिक्कबल्लापुर, चामराजनगर और कोलार सीटें जीतीं।

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2019 में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 15 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं धुले, जलगांव, रावेर, वर्धा, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, जालना, भिवंडी, मुंबई नॉर्थ, मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, पुणे, अहमदनगर, बीड और लातूर।

बिहार
2019 में बीजेपी ने बिहार में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 14 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगुसराय, पटना साहिब, आरा और सासाराम। 2019 में जेडीयू एलजेपी के साथ एनडीए में थी। अब नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस पार्टी के साथ हैं।

हरियाणा
हरियाणा में बीजेपी ने 2019 में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 9 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं अंबाला, कुरूक्षेत्र, सिरसा, हिसार, करनाल, सोनीपत, भिवानी-महेंद्रगढ़, गुड़गांव और फरीदाबाद।

झारखंड
बीजेपी ने 2019 में झारखंड में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 8 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं गोड्डा, चतरा, कोडरमा, धनबाद, रांची, जमशेदपुर, पलामू और हज़ारीबाग़।

दिल्ली
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली में शानदार जीत दर्ज की और सभी 7 सीटें फिर से जीत लीं। पार्टी ने चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की।

असम
असम में बीजेपी ने 2019 में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 7 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं सिलचर, स्वायत्त जिला, गौहाटी, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर।

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 2019 में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 6 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं सरगुजा, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर और महासमुंद।

पश्चिम बंगाल
भाजपा ने 2019 में पश्चिम बंगाल में अपने प्रदर्शन से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया जब उसने 18 सीटें जीतीं। पार्टी ने 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ 5 सीटें जीतीं। ये सीटें हैं अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, राणाघाट और आसनसोल।

उत्तराखंड
उत्तराखंड में बीजेपी ने 2019 में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ सभी 5 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं-टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोडा, नैनीताल-उधमसिंह नगर और हरिद्वार।

हिमाचल प्रदेश
हिमाचल में बीजेपी ने 2019 में 65 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ सभी 4 सीटें जीतीं। ये सीटें थीं कांगड़ा, मंडी, शिमला और हमीरपुर।

जम्मू और कश्मीर
भाजपा ने 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ जम्मू और उधमपुर सीटें जीतीं।

अरुणाचल प्रदेश
भाजपा ने 2019 में अरुणाचल पश्चिम और अरुणाचल पूर्व दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की।

पंजाब
2019 में गुरदासपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सनी देओल ने 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीत हासिल की।

त्रिपुरा
त्रिपुरा में, भाजपा ने 2019 में 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट जीती।

चंडीगढ़
2019 में चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर ने 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीत हासिल की।

गोवा
गोवा में, भाजपा ने 2019 में उत्तरी गोवा लोकसभा सीट 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ जीती।

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