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17 मई विश्व दूरसंचार दिवस पर विशेष तकनीकी और विज्ञान ने दूरसंचार के अनेक साधन उपलब्ध कराएं

   --- सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"

     सत्रह मई को पूरी दुनिया में हर साल दूरसंचार दिवस मनाया जाता है। दूरसंचार दिवस को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित किया।  इसके बाद से ही सत्रह मई को विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था। आइए आज इस खास मौके पर इस दिवस के बारे में कुछ खास बाते जानते हैं। पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन के हस्ताक्षर की वर्षगांठ भी सत्रह मई को ही पड़ता है । खास बात यह है कि यूएन ने जब विश्व दूरसंचार दिवस की घोषणा की, तो उस दिन भी सत्रह मई ही थी।

2006 नवम्बर में, तुर्की के अंताल्या में आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन ने सत्रह मई को दोनों विश्व दूरसंचार और सूचना दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया, और तब विश्व दूरसंचार दिवस की घोषणा हुई, तो उस दिन भी सत्रह मई ही थी। विश्व दूरसंचार दिवस पूरी दुनिया में इंटरनेट और संचार के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।

विश्व संचार दिवस का मकसद वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के बारे में सकारात्मकता फैलाना है। विश्व दूरसंचार दिवस का उद्देश्य सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सूचना और संचार दोनों को आसानी से सुलभ बनाना है।

वर्ष 2020 को 5जी का साल कहा गया है। लेकिन कोरोना ने इस पर ब्रेक लगा दिया इसलिए इसे कुछ आगे बढ़ाया गया है। अब हालांकि 5जी नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव देखने को मिला है। और आने वाले समय में इसमें काफी विकास होगा। भविष्यवाणी की गई है कि 2020 में दुनियाभर में 5G नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर रेवेन्यू 4.2 बिलियन डॉलर को छू जाएगा, जो 89 प्रतिशत की साल-दर-साल की वृद्धि दर्ज करेगा। क्लाउड कम्यूनिकेशन: 2020 में, क्लाउड कंम्यूनिकेशन पर होने वाला खर्च कुल तकनीक पर होने वाले खर्च का सत्तर फीसदी है। 2025 तक दुनिया भर में लगभग अस्सी फीसदी व्यवसाय क्लाउड कम्यूनिकेशन पर निर्भर होंगे। खास बात यह है कि कोरोना महामारी ने इसकी योजनाओं पर कुछ व्यवधान तो जरूर डाला पर इसके विकास को और तेज कर दिया है। डाटा एंड इंफ्रास्ट्रक्चर: डाटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट ने टेक्नोलॉजी को ऊपर ले जाने में काफी मदद की है।

 विश्व दूरसंचार अंतर्राष्ट्रीय दिवस और सप्ताह दरअसल जनता को दुनिया भर के समस्या और सुधार के मुद्दों पर शिक्षित करने, वैश्विक समस्याओं को दूर करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधनों को जुटाने और मानवता की उपलब्धियों का जश्न मनाने और सुदृढ़ करने के अवसर हैं। ये अवसर संयुक्त राष्ट्र की स्थापना से पहले का है।, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें एक शक्तिशाली वकालत उपकरण के रूप में अपनाया है। हम अन्य संयुक्त राष्ट्र के पालनों को भी चिह्नित करते हैं।एक दूरी पर संचारित करने के लिए संदेश संकेतों की आवश्यकता होती है, और हम इस प्रक्रिया को दूरसंचार के रूप में जानते हैं। इससे पहले, दूर-दराज के लोगों को संदेशों को संवाद करने के लिए चिटठी, ड्रम, सेमफोर, झंडे या हेलीओग्राफ का उपयोग किया जाता था।     ‌आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ दूरसंचार के लिए टेलीफोन, टेलीविजन, रेडियो या कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग आम हो गया है।।

    विश्व दूरसंचार दिवस को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ  ‌की स्थापना की सालगिरह के रूप में भी चिह्नित किया जाता है। जिसे 1865 में शुरू किया गया था और पूरे विश्व में सत्रह मई को विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जाता है। भारत में संचार के रुप में टेलिफोन की शुरुआत 1880 में हुई जब दो टेलीफोन कंपनियों द ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड और एंग्लो इंडियन टेलीफोन कंपनी लिमिटेड ने भारत में टेलीफोन एक्सचेंज की स्थापना करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। इस अनुमति को इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया गया कि टेलीफोन की स्थापना करना सरकार का एकाधिकार था। और सरकार खुद यह काम शुरू करेगी। 1881 में सरकार ने अपने पहले के फैसले के खिलाफ जाकर इंग्लैंड की ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड को कोलकाता, मुंबई, मद्रास (चेन्नई) और अहमदाबाद में टेलीफोन एक्सचेंज खोलने के लिए लाइसेंस दिया। इससे 1881 में देश में पहली औपचारिक टेलीफोन सेवा की स्थापना हुई।

  विश्व दूरसंचार दिवस वास्तव में राष्ट्रीय नीतियों को बढ़ाने, तकनीकी मतभेदों को भरने, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, सिस्टम की वैश्विक अंतः क्रियाशीलता को बढ़ावा देने के लिए भी और इसके साथ ही  इंटरनेट, टेलीविजन, फोनदेश में पहली औपचारिक टेलीफोन सेवा की स्थापना भी हुई। विश्व दूरसंचार दिवस राष्ट्रीय नीतियों को बढ़ाने, तकनीकी मतभेदों को भरने, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, सिस्टम की वैश्विक अंतःक्रियाशीलता को बढ़ावा देने और इंटरनेट, टेलीविजन, फोन इत्यादि के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भौतिक दूरी पर नियंत्रण करने के लिए केंद्रित है। आज संचार के कारण दो लोगों के बीच की दूरी कम हो पाई है। पहले लोग  एक-दूसरे से बात किए बिना एवं उन्हें देखे बिना सालों तक दूर रहते थे किन्तु आज सूचना क्रांति के कारण उनकी दूरी एक क्षणभर की रह गई है। इंटरनेट की तेजी, मोबाईल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप इत्यादि के जरिए जिन लोगों से मुलाकात किए सालों बीत जाते थे ,आज उनसे रोज बाते की जा सकती है। व्यक्ति के विकास में भी दूरसंचार ने अहम भूमिका निभाई है। आज कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के जरिए अपनी शिक्षा ग्रहण कर सकता है। अपनी बात दूसरों तक आसानी से पहुंचा सकता है। 

  आज शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति लाने का श्रेय भी दूरसंचार तकनीक को ही जाता है। आज के समय में थ्री जी, फोर जी और कई देशों में फाइव जी के आ जाने से संचार के क्षेत्र मे क्रांति आई है। इस तकनीक ने मोबाइल की दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। थ्री जी फोन सबसे पहले 2001 में जापान में लांच किया गया था। थ्री जी तकनीक के मोबाइल की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्पीड है। लेकिन आज दुनिया भर में थ्रीजी की तेजी के टक्कर देने के लिए फोर जी, फाइव जी मोबाइल इंटरनेट आ गए हैं। जो एक सेंकेड से भी कम समय में आपके संदेश को एक देश से दूसरे देश पहुंचा देते हैं। तकनीकी के आ जाने से आज सूचना पहुंचाना सबसे असान कार्य हो गया है। सूचना केवल पृथ्वी पर ही नहीं बल्कि अब तो अंतरिक्ष और अन्य ग्रहों के जरिए भी सूचना का आदान प्रदान संभव हो गया है।
  • सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”

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