नेहरू ने जब पटेल को चिट्ठी लिखकर कहा- मस्जिदों को बचाएं और उन्‍हें दोबारा बनवाएं

अमित शुक्‍ला

बात आजादी के बाद की है। देश के पहले प्रधाानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तत्‍कालीन गृहमंत्री सरदार वल्‍लभभाई पटेल को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्‍होंने मस्जिदों का मुद्दा उठाया था। नेहरू ने कहा था कि उन्‍हें बताया गया है कि दिल्‍ली में कुछ मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्‍होंने ऐसी मस्जिदों को दोबारा बनवाने के लिए कहा था। ये भी निर्देश दिए थे कि मस्जिदों को बचाया जाए। इस चिट्ठी में नेहरू ने एक मस्जिद का जिक्र कर इसे मंदिर में तब्‍दील किए जाने की बात भी बताई थी। उनके मुताबिक, इस मस्जिद के साथ एक लाइब्रेरी जुड़ी थी। इस लाइब्रेरी की देखरेख का कुछ जिम्‍मा मौलाना आजाद पर था। इसे लूट लिया गया था।

पंडित नेहरू ने पटेल को यह चिट्ठी 22 अक्‍टूबर 1947 को लिखी थी। उन्‍होंने इस चिट्ठी में कहा था कि दिल्‍ली में तोड़ी गई मस्जिदों का मसला इमरजेंसी कमेटी में कई बार उठा है। सरकार ने यही बात कही है कि वह धर्मस्‍थलों की सुरक्षा करने के लिए जिम्‍मेदार है।

मस्‍ज‍िदों पर आर्य समाज के झंडे
नेहरू को बताया गया था कि दिल्‍ली में बड़ी संख्‍या में मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया है। इनमें से कुछ मस्जिदों पर आर्य समाज या हिंदू महासभा के झंडे लगा दिए गए हैं। चिट्ठी में उन्‍होंने एक मस्जिद का खासतौर से उल्‍लेख किया था। नेहरू ने कहा था कि उन्‍हें बताया गया है कि इस मस्जिद के साथ लाइब्रेरी जुड़ी हुई थी। इस लाइब्रेरी का जिम्‍मा कुछ हद तक मौलाना आजाद के पास था। इस लाइब्रेरी में लूटपाट हुई।

छव‍ि को नुकसान का था डर
पटेल को चिट्ठी लिखते हुए तत्‍कालीन प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस तरह की घटनाओं से सरकार की छवि को काफी ज्‍यादा नुकसान हो रहा है। नेहरू बोले थे कि अपने स्‍तर पर वह इन घटनाओं की पुष्टि नहीं कर पाए हैं। हालांकि, उन्‍होंने कई टूटी हुई मस्जिदें देखी हैं। उन्‍होंने पटेल से पूरे मामले में जांच की जरूरत बताई थी। साथ ही सख्‍त कार्रवाई की भी बात कही थी।

नेहरू बोले थे कि पहली बात तो यह है कि किसी को मस्जिद पर कब्‍जा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दूसरी कि सरकार को उन्‍हें दोबारा बनवाने का काम शुरू करना चाहिए। तीसरी बात उन्‍होंने कही थी ऐसा करने वालों पर कुछ दंडात्‍मक कार्रवाई की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए।

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