परतापुर इंटरचेंज चौराहे का नाम हो धन सिंह कोतवाल के नाम पर : डॉ आर्य

वरिष्ठ लेखक एवम इतिहासकार दैनिक डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने उद्बोधन में मांग की कि परतापुर इंटरचेंज चौराहे का नाम धनसिंह कोतवाल चौक होना चाहिए। जिससे कि वहां से गुजरने वाली सभी लोग क्रांतिधरा मेरठ एवं धनसिंह कोतवाल के बारे में विस्तार से जान सके।
श्री आर्य ने कहा कि 18 57 की क्रांति के इतिहास पर हमें गर्व है क्योंकि धन सिंह कोतवाल जी ने उस समय ऐसा कार्य किया था जो विश्व इतिहास में मिलना दुर्लभ है। क्योंकि उन्होंने सरकार का एक अंग होकर सरकार के खिलाफ ही बंदूक उठाई थी। उनके उस प्रयास से पूरा देश उस समय क्रांति से रंग गया था। ऐसी धरती को हमें नमन करना चाहिए जिस पर धन सिंह कोतवाल जैसे शूरवीर पैदा हुए हो। डॉ आर्य ने मांग की कि परतापुर इंटरचेंज चौराहे पर धन सिंह कोतवाल जी की प्रतिमा स्थापित की जाए।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री भंवर सिंह जी ने कहा कि धन सिंह कोतवाल को सम्मान दिलाने की लड़ाई बहुत लंबी हो गई है। अब उनका संघर्ष बहुत बड़ा हो गया है । लेकिन अभी भी उन्हें इतिहास में दर्ज कराया जाना संभव नहीं हो सका ।

कार्यक्रम का संचालन धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना ने किया।

कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉक्टर प्रशांत कुमार, प्रोफेसर डॉक्टर नवीन गुप्ता जी, प्रोफेसर डॉक्टर विवेक त्यागी जी, डॉ अशोक कुमार , डॉ देवेश शर्मा , मेजर नारायण सिंह , कैप्टन सुभाष चंद्र, मनोज धामा , डॉ प्रशांत कुमार, डॉ राकेश कुमार आर्य , डॉ विनोद कुमार सानियाल , सुरेश पाल भाटी अंकित यादव, प्रबंधक गौरव डबास, डॉ विपिन त्यागी जी, डॉक्टर नीरज त्यागी, श्रीमती सिम्मी सिंह, अंशिका, श्रीमती मंजू ठाकुर, प्रधानाचार्य संजीव कुमार नागर, गुर्जर विकास समिति के जिला अध्यक्ष कमरपाल नागर, गुर्जर सभा के सचिव वीरेंद्र सिंह, तथा जनपद सा मुजफ्फरनगर बिजनौर बागपत हापुड़ मेरठ से पधारे महिला समूह के सक्रिय सदस्य श्रीमती मंजू नागर श्रीमती नूतन प्रजापति श्रीमती सुषमा श्रीमती नीतू सिंह श्रीमती सुमन, श्रीमती सीमा सिंह , श्रीमती ज्योति आदि पदाधिकारी को जन्मोत्सव कार्यक्रम के दौरान किए गए सफल कार्यक्रमों का लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कैप्टन सुभाष चंद्र चरण सिंह लिसाड़ी, श्री धनतला लव कुश शास्त्री, गुलवीर पार्षद, सत्येंद्र धामा , एलकार नागर, मनोज धामा, गौतम प्रजापति, उज्जवल , आदि उपस्थित रहे।

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