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जानिए की क्या है नवतपा ???

पं0 दयानंद शास्‍त्री 

आइये जाने की क्या हैं  भारत  में वर्षा/बारिश के ज्योतिषीय योग  वर्ष 2015 में..???

इस वर्ष होनेवाली बारिश /वर्ष योग से पूर्व जानिए कब लगेगा नवतपा और क्या हैं नवतपा..??

इस वर्ष नवतपा कल (२५ मई  ,2015 -सोमवार) से आरम्भ होने जा रहा हैं..

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री के अनुसार नवतपा को ज्येष्ठ महीने के ग्रीष्म ऋतु में तपन की अधिकता का ध्योतक माना जाता है। शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से लेकर 9 नक्षत्रों में 9 दिनों तक नवतपा रहता है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, बुधवार के दिन ही आर्द्रा नक्षत्र शुरू हो रहा है। जरूरी नहीं कि नवतपा में अधिक गर्मी पड़े। आर्द्रा के 10 नक्षत्रों तक जिस नक्षत्र में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, आगे चलकर उस नक्षत्र में 15 दिनों तक सूर्य रहते हैं और अच्छी वर्षा होती है।

कब होगा आरंभ :—

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री के अनुसारर जब से रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा तब से नवतपा भी शुरू हो जाएगा।नवतपा में तेज हवा के साथ बवंडर और वर्षा का अंदेशा है। नवतपा समय की ग्रह स्थिति तेज हवा, बवंडर और वर्षा का संकेत दे रहा है।

इस बार नवतपा का प्रारंभ 25 मई, सोमवार से हो रहा है जो 2 जून, शनिवार को समाप्त होगा।

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री के अनुसार गुरु कृतिका नक्षत्र में है। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। सूर्य के साथ गुरु का होना तथा शुक्र का भी अपनी ही राशि वृष में आना मौसम परिवर्तन का योग बनाएगा लेकिन मंगल की राहु पर दृष्टि होने से देश के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा।

ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव से 25 मई से नवतपा प्रारंभ हो रहा है। नवतपा के दिनों में शादी-विवाह जैसे मांगलिक यात्रा में विशेष सावधानी रखना चाहिए। ग्रहों की स्थिति को देखते हुए देश के पूर्व, पश्चिम व दक्षिण में प्राकृतिक आपदा का योग बन रहे हैं।इस समय आरम्भ हुआ यह नौतपा गर्मी काप्रकोप बढ़ाएगा..यह नौतपा आगामी 02  जून,2015  तक चलेगा  …   इस समय ज्येष्ठ मास में पांच मंगलवार का योग बन रहा हैं  चूँकि मंगल अग्निकारक गृह हैं और इस समय यह सूर्यदेव के साथ मिलकर गर्मी के प्रकोप को और अधिक प्रचँड करेगा..वैसे भी इस वर्ष ज्येष्ठ माह की शुरुआत 05  मई को मंगलवार के दिन हुई हैं ओर समापन भी मंगलवार को 02 जुन को ही होगा..चूँकि नोटपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में वास करता हैं..इसके प्रभाव स्वरूप सूर्य की सीधी किरणे पृथ्वी पर गिरती हैंइस दौरान गर्मी के काफी तीखे तेवर देखने को मिल सकते हैं..

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री अनुसार वर्तमान में राहु व केतु के कारण कालसर्प योग बन रहा है वहीं वृषभ राशि में पांच ग्रह- सूर्य, शुक्र, बुध, गुरु व केतु के होने से पंचग्रही योग बन रहा है। साथ ही इस समय सूर्य व केतु एक ही राशि में स्थित हैं तथा उन पर राहु की दृष्टि पड़ रही है जिसके कारण ग्रहण योग बन रहा है। देश-दुनिया को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला ग्रह शनि भी वर्तमान में वक्री स्थिति में है तथा मंगल के साथ राहु को देख रहा है। राहु की अपनी नीच राशि में होने से तथा उस पर शनि, मंगल की दृष्टि होने से देश-दुनिया में कोई गंभीर हादसा हो सकता है।

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री के अनुसार इस स्थिति का असर या होगा की सूर्य के नक्षत्र में सूर्य के साथ गुरु का होना अशुभ फल प्रदान करेगा । वर्तमान में वृष राशि के लिए खराब समय है। चूंकि वृष राशि भारत की भी है इसलिए सरकारी तंत्र के खिलाफ जनता के मन में गुस्सा रहेगा। 29 मई से अस्त गुरु भी उदय हो जाएगा और अपना असर दिखाना शुरू कर देगा। पृथ्वी तत्व की राशि में गुरु के उदय होने से पत्थरों से बनी वस्तुओं में तेजी आएगी। ग्रहों के प्रभाव से तिलहन, धान्य और रत्नों में तेजी आएगी। सिंह का मंगल नीच राशि के राहु को देख रहा है। मंगल और राहु अंगारक योग बना रहें हैं। मंगल व राहु मिलकर कोई बड़ी परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

अब वर्षा योग पर विचार(कुछ विशेष तथ्य)—-

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री के अनुसार आगामी 14  जुलाई,2015  (मंगलवार) को गृहस्पतिका सिंह राशि में प्रवेश स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार चौथे भाव (सुख भाव) में होगावहि सप्तमभाव में वृश्चिक राशि में 02  अगस्त,2015  को शनि देव मार्गी होंगे..इसके प्रभाव स्वरूप प्राकृतिक रूप सेभरपुर बारिश होगी और किसानो तथा व्यापारी वर्ग को फसलों का बंपर उत्पादन लाभदायक  रहेगा..इसके फलस्वरूप डालें-अनाज सस्ता होनेकी संभावना बनाती  हैं..

इस अवधि में कही कहीं अतिवृष्टि  (भारी बारिश) से जान -मॉल के नुकसान की भी संभावना बन रही हैं..

—इसी समय इन सभी ग्रहीय प्रभावों के कारण भारत विश्व में अपनी प्रमुखता दर्शाते हुए आगे बढ़ता रहेगा..धीरे धीरे विश्व गुरु बनाने की और अग्रसर होता रहेगा…

–इसी दौरान गुरु-शुक्र का एक साथ आना ( 22  अगस्त से 14  सितम्बर,2015  के बीच) अतिवृष्टि का योग भी बना रहा हैं..सावधान और सतर्करहें..

–इसी दौरान 16  जुलाई,2015  (गुरुवार) की अर्धरात्रि के   पश्चात बनाने वाला गुरु अमृत पुष्य योग उत्तम वर्षा योग बना रहा हैं…इसी के प्रभाव स्वरूप पेट्रोल के दामों में वृद्धि संभावित हैं…इस्समय केंद्र की राजनीतिमें भीकुछ विशेष हलचलहो सकतीहें..

—इस समय सिंह राशि का गुरु, श्रवण नक्षत्र का अस्त शुक्र समय पूर्व मानसून/ बारिश की संभावना बना रहा हैं..इस वर्ष लगभग 25  जून,2015  के पूर्व ही मानसून सम्पूर्ण भारतकर्ष में प्रभावी हो जाएगा..

इस वर्ष मानसून/ बारिश उत्तम एवं श्रेष्ठ रहेगा..जनता खुश रहेगी..इस दिन रात्रि के 09 बजे के लगभग शुक्र द्वारा कर्क राशि में परिभ्रमण मघा नक्षत्र में होगा..यह गुरु शुक्र का योग वर्ष का करक बनेगा…

इस वर्ष मानसून/ बारिश के दौरे(सक्रियता)—

ज्योतिषी पंडित “विशाल’ दयानंद शास्त्री के अनुसार प्रथम प्रभावी दौरा—

—30  मई,2015  से 08  जून,2015  के बीच दक्षिण भारत में मानसून सक्रीय रहेगा…..

—09  जून,2015  से 15 जुन,2015  के बीच मध्य भारत में मानसून सक्रीय रहेगा…..

—17  जून,2015  से 22  जुन,2015  के मध्य उत्तर भारत में मानसून सक्रीय रहेगा…..

–22  जुन,2015  से 03  जुलाई,2015  के मध्य पश्चिमी मानसून सक्रीय रहेगा…..

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