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प्रमुख समाचार/संपादकीय

ये रिश्ते टूट जाते हैं

मुहब्बत में ‘अना’ हो तो flowr
मुहब्बत में ‘अना’ हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं
कोई ‘पत्थर’ बना हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

बड़े नाजुक, बहुत कोमल मुहब्बत के ये धागे हैं
कहीं ‘ज़ाहिलपना’ हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

जहाँहो आँख नम तो उसजगह आवाज़ मतकरना
न वो ”संवेदना” हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

मुहब्बत की गली लम्बी बहुत चौड़ी मगर कम है
कोई संग ‘झुनझुना’ हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

वहम कोई.. कभी भी, बीच में.. आने नहीं पाए
वहम ‘कोहरा’ बना हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

नहीं है हैसियत.. तो ‘बोल’ ऊँचे यूँ नहीं बोलो
कोई ”थोथा चना” हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

है मंदिर प्यार का, आने के पहले पाँव धो लेना
कदम कीचड़ सना हो तो.. ये रिश्ते टूट जाते हैं

सत्येन्द्र सेंगर, रीवा म.प्र.

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