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तमिलनाडु में लावण्या की मौत पर सेकुलरिस्ट खामोश क्यों


लावण्या ने धर्मान्तरण के दबाव के कारण कर ली आत्महत्या
तमिलनाडु में जबरन धर्म परिवर्तन (Forced Conversion) की कोशिशों से आहत होकर आत्महत्या करने वाली 12वीं की छात्रा लावण्या के मामले ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन कुछ मीडिया हाउस इस मामले का व्हाइटवॉश करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में हाल ही में ‘द न्यूज मिनट (TNM)’ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें उसने ये दावा किया कि लावण्या के चार वीडियो हैं। इसमें से केवल एक में ही धर्मान्तरण का उल्लेख किया गया है।
हाथरस और लखीमपुर खेरी पर मदारियों की तरह मजमा लगाने वाली मीडिया और छद्दम सेक्युलरिस्ट क्यों खामोश हैं? क्या इनकी निगाहों में हिन्दू की कोई कीमत नहीं? आखिर मीडिया भी छद्दम धर्म-निरपेक्षों की तरह मजहब और पार्टी शासित राज्य देख समाचारों को प्राथमिकता देती है?

TNM का दावा- एक्स्ट्रा काम के कारण की आत्महत्या
TNM का दावा है कि लावण्या को हॉस्टल के वार्डन ने एक्स्ट्रा काम दे दिया था, जिससे वो अपनी पढ़ाई में कमजोर होती जा रही थी। इसी के कारण उसने आत्महत्या कर ली। बता दे कि तंजावुर माइकलपट्टी में सेक्रेड हार्ट्स हायर सेकेंडरी स्कूल के बोर्डिंग हाउस में लावण्या रहती थी। उसकी अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। खुदकुशी करने से पहले लावण्या ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि स्कूल प्रशासन ने उसे ईसाई धर्मान्तरण के लिए मजबूर किया, लेकिन जब उसने इससे इनकार किया तो उसे बहुत ज्यादा काम कराने लगे।

VHP सचिव ने वीडियो में धर्मान्तरण की बात की
मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि धर्मान्तरण वाला वीडियो विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अरियालुर जिला सचिव मुथुवेल ने रिकॉर्ड किया था। यह भी दावा किया गया है कि मुथुवेल के फोन में इस तरह के चार वीडियो थे, जिसे उन्होंने 17 जनवरी 2022 को रिकॉर्ड किया था। TNM के मुताबिक, पुलिस का मानना है कि इनमें से एक वीडियो को डिलीट कर दिया गया था, जिसे बाद में री-स्टोर किया गया।

TNM की रिपोर्ट में कहा गया है, “हालाँकि, जाँच एजेंसियों ने उनके (मुथुवेल) फोन से वीडियो को फिर से हासिल कर लिया है। ये वीडियो उन्हें किसी और ने फॉरवर्ड किया था। अब पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या मुथुवेल ने ये वीडियो डिलीट करने से पहले किसी को भेजा था और फिर उनके फोन में फॉरवर्ड होकर आ गया था।”

रिपोर्ट में इस बात की आशंका व्यक्त की गई है कि सिर्फ एक वीडियो में धर्मान्तरण की बात की गई है तो हो सकता है कि लावण्या से ऐसा जबरदस्ती कहलाया गया हो। TNM ने लिखा, “चूँकि, नए लीक हुए वीडियो में लावण्या इस बात से इनकार करती है कि उसे बिंदी लगाने से रोका गया था। पुलिस इस एंगल की भी जाँच कर रही है।” उल्लेखनीय है कि अगर केवल एक ही वीडियो में उसने धर्मान्तरण की बात की और बाकी में नहीं की तो इसका ये अर्थ तो नहीं हो सकता कि इसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया गया था।

ऐसी घटनाओं को पहले भी मीडिया कम आँका
हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब मीडिया ने मृतक के वीडियो का प्रयोग कर घटना को कमजोर करने की कोशिश की हो। इससे पहले जून 2021 में टिकरी बॉर्डर पर किसानों को विरोध प्रदर्शन स्थल पर मुकेश नाम के एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया था, लेकिन मीडिया ने रिपोर्ट किया कि कृषि कानून के विरोध में उसने आत्महत्या कर ली थी।

बाद में घटना के दूसरे वीडियो आए, जिसमें मुकेश ने अपना बयान दिया था। उसने बयान में कहा था कि किसानों, खासकर सफेद कुर्ता पहने एक व्यक्ति ने उसे आग लगा दी थी। पुलिस अधिकारी को उसने बताया था कि उसने खुद को आग नहीं लगाई थी, बल्कि किसानों से उसे जलाया था। हालाँकि, मीडिया ने किसान यूनियनों द्वारा पोस्ट किए गए अस्पष्ट वीडियो का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मुकेश ने खुद को जला लिया था।

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