ओमिक्रोन से कैसे करें अपना बचाव

ओमिक्रॉन से घबराएं नहीं।
ज्यादातर मरीज 4-5 दिनों के अंदर घर पर ही ठीक हो रहे हैं।

ओमिक्रॉन वाला कोरोना वायरस हमारी नाक और सांस नली के ऊपरी हिस्से में ही रहता है, इसीलिए ज्यादा संक्रामक भी है। डेल्टा वाला तो हमारे फेफड़ों में डेरा जमाकर उन्हें खराब कर देता था। इसीलिए ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती थी। ओमिक्रॉन वाले में इसकी नौबत नहीं आती।

ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैल रहा है, उतनी ही तेजी से नीचे भी आएगा।
उम्मीद है कि 10-15 दिनों के बाद इस तीसरी लहर का भी पीक आ जाएगा और फिर नए मामलों की संख्या कम होती जाएगी। यानी तकलीफ इसी महीने तक रहेगी। फरवरी के आखिर तक इसका खेल खत्म हो जाएगा। मार्च में लगभग सामान्य ज़िंदगी शुरू हो जाएगी।

लेकिन अलर्ट रहें।

कोरोना का नया इंफेक्शन सबको हो सकता है, चाहे किसी ने वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई हों।

जिसने दोनों डोज ली हैं, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके सबसे कम आसार हैं।

जिसने एक डोज ली है, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके कुछ ज्यादा आसार हैं।

जिसने एक भी डोज नहीं ली है, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके सबसे ज्यादा आसार हैं।

जिसकी उम्र 60 साल से ऊपर है और साथ में कोई गंभीर बीमारी है, उसे इंफेक्शन खतरनाक वाला होगा – इसके सबसे ज्यादा आसार हैं, चाहे वैक्सीन लगवाया हो या न लगवाया हो।

ओमिक्रॉन या कोरोना से बचे रहने के 8 तरीके हैंः
1. वैक्सीन लगवाना
2. घर में दूसरे लोगों को आने का न्योता न देना
3. घर से बाहर हर वक्त मास्क लगाकर रखना
4. घर से बाहर बंद जगहों पर जाने से बचना
5. खुले में भी भीड़ वाली जगहों पर न जाना
6. हमारे आसपास जो भी बाहरी शख्स आए, यह मानकर चलना कि उसे कोरोना है और उससे कम-से-कम 2 मीटर (करीब 6 फुट) की दूरी बनाकर रखना
7. बाहर से आने पर और खाने से पहले हाथों को साबुन-पानी या हैंड सैनिटाइजर से साफ करना
8. किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों का अभी कुछ दिन तक घर से बाहर न निकलना।

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