आजकल याददाश्त कमजोर होना एक आम बात है। भूलने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में पाई जाती है। भूलने का मुख्य कारण एकाग्रता की कमी है।अधिकतर समस्या रिकाल करने में होती है क्योंकि हमारे दिमाग को रिकाल प्रोसेस के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उनकी हमारे शरीर में कमी हो जाती है । अत: उन पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं।

– 9 नग बादाम रात को पानी में भिगोकर छोड़ दें। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। इसमें 3 चम्मच शहद भी डालें। दूध जब हल्की गर्म हो जाए तब इसे उतारकर पीएं। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें।

– सेब में अनेक गुण है कम ही लोग जानते हैं।सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन विशेष फाइबर होता है। यह इम्यून सपोर्टिव प्रोटीन्स के स्तर को बूस्ट करता है इसलिए दिनभर में एक सेब आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।रोज सेब का सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

– दाल चीनी का तेल भी स्मरण शक्ति बढ़ाने में काफी प्रभावकारी होता है। यह तेल कोलेस्ट्रोल को कम करता है जिसकी वजह से आपका मष्तिष्क तेजी से काम करता है। यह तेल आपके दिमाग को ठंडक पहुंचाता है जिसकी वजह से आपका दिमाग शांत होता है तथा छोटी मोटी बातों पर तुरंत उत्तेजित या क्रोधित नहीं होता। यह तेल आपके दिमाग को ठीक करते हुए आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

– जो लोग सुबह कॉफी पीते हैं, वे कॉफी न पीने वालों की तुलना में अधिक फुर्ती से अपने कार्य निपटा लेते हैं। यदि आप दोपहर में भी चुस्त रहना चाहते हैं तो कॉफी का सहारा लेवें। शोधकर्ता ने बताया- कैफीन मस्तिष्क के उन हिस्सों को क्रियाशील करती हैं, जहां से व्यक्ति की सक्रियता, मुड और ध्यान नियंत्रित होता है। लेकिन कॉफी का प्रयोग एक सीमा तक ही उपयोगी है। आप कॉपी को अपनी आदतों में शुमार न करें।

– ब्रह्मी दिमागी शक्ति बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है।कमजोर याददाश्त को बुढ़ापे की निशानी माना जाता है, लेकिन बार-बार भूलने की समस्या केवल बूढ़े लोगों के साथ ही नहीं बल्कि जवान लोगों के साथ भी होती है। इसका एक चम्मच रस नित्य पीना लाभदायक है। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है। ये दिमाग की शक्ति के घटने पर रोक लगाती है।

– जब भी प्राकृतिक तरीकों से स्मरण शक्ति बढ़ाने की बात होती है, तब रोजमेरी तेल का नाम सबसे पहले आता है। इस तेल को दौनी के पत्तों से निकाला जाता है जिसमें बहुत हीं औषधीय गुण होते हैं। इसमें मष्तिष्क की शक्ति बढ़ाने के गुण होते हैं जिसकी वजह से इसे ब्रेन टोनिक भी कहा जाता है। इसके तेल का उपयोग स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए सदियों से किया जाता रहा है। इसकी तीखी खुशबू की वजह से लोग इसे खाना पकाने के काम में भी लाते हैं। इसकी खुशबू के कारण इसे सुगंध चिकित्सा में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी तीखी खुशबू आपके मष्तिष्क को उत्प्रेरित करती है जिसकी वजह से आपके दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ जाती है तथा आपकी एकाग्रता बढ़ती है जिनकी वजह से आप अपने काम पर अच्छी तरह से ध्यान लगा पाते हैं।

-अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंटस होते हैं और दिन में कम से कम सात अखरोट खाना बीमारियों को दूर भगाता है और कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है।अखरोट स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक है। 20 ग्राम अखरोट और साथ में 10 ग्राम किशमिश रोजाना लेना चाहिए।

-अलसी के तेल में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके सेवन से भी मछली के तेल जितना हीं फायदा मिलता है। अलसी का तेल आपकी एकाग्रता बढ़ाता है, आपकी स्मरण शक्ति तेज करता है तथा सोचने समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है

स्‍वदेशी  आंदोलन

Comment: