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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आप विधायक हाजी यूनुस की मुहर पर बन रहे फर्जी आधार कार्ड

दिल्ली : अरविन्द केजरीवाल के करीबी का एक और कारनामा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के वादे के साथ राजनीति में आए थे, लेकिन वे लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। अब केजरीवाल के करीबी मुस्तफाबाद के विधायक हाजी यूनुस का एक और कारनामा सामने आया है। थाना लोनी बार्डर पुलिस ने विधायक हाजी यूनुस की मुहर पर दिल्ली के पते का फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस सिलसिले में लोनी बार्डर के आर्यनगर निवासी आसिफ उर्फ बिट्टू, उसके भाई खालिद और दिल्ली के पुराना मुस्तफाबाद निवासी जावेद को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तीनों लोग विधायक के करीबी बताए जा रहे हैं। इन लोगों के पास से लैपटाप, फिंगर व रेटिना स्कैनिग के साथ इनके क्रास मैच की डिवाइस, वेब कैमरा, पांच मुहर, पहचान पत्र और आधार कार्ड के भरे हुए प्रारूप, भरण-पोषण भत्ता के भरे हुए प्रारूप, आंखों के रेटिना की जगह इस्तेमाल किया जाने वाले फोटो, तीन मोबाइल मिले हैं। ये लोग हर कार्ड के लिए सिर्फ दो हजार रुपये लेकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।

क्या फर्जीवाड़े का दूसरा नाम अरविन्द केजरीवाल पार्टी है?

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जिस दिन जनता ने मुफ्तखोरी को त्याग दिल्ली से आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर किया, तत्कालीन शीला दीक्षित से अधिक घोटालों का अम्बार केजरीवाल के नाम पर उजागर होंगे। देखना यह होगा कि केजरीवाल तो शीला दीक्षित को जेल भेजने का वायदा पूरा नहीं कर पाए, क्या सत्ता में आयी अन्य पार्टी भाजपा आदि क्या केजरीवाल को जेल भिजवाने का काम करेगी? 

जागरण की खबर के अनुसार गिरफ्तार आरोपित बिट्टू आरडब्ल्यूए का अध्यक्ष है और जावेद पहले दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित केनरा बैंक में कामन सर्विस सेंटर पर बनाने का काम करता था। यह केंद्र खत्म होने पर उसकी आइडी बंद कर दी गई थी। जावेद का साला शहजाद अब भी आधार कार्ड बनाता है। ये लोग मुस्तफाबाद के विधायक हाजी यूनुस के लेटरहेड पर बाहरी लोगों के दिल्ली में किसी मकान का पता डालकर मुहर लगा देते थे। लेटरहेड के आधार पर दिल्ली का निवासी दिखाते हुए आधार कार्ड बना देते थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आसिफ को छुड़ाने के लिए पुलिस के पास कई नेताओं के फोन आ चुके हैं।

दागी विधायकों की संख्या बढ़ी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ अराजकता से ही नहीं, बल्कि आपराधियों से भी भरी हुई है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के 57 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे संगीन अपराधों के तहत केस दर्ज हैं और ये जेल भी जा चुके हैं। पार्टी के कई विधायकों पर संगीन आरोप लग चुके हैं और कई तो जेल की हवा भी खा चुके हैं। समय के साथ केजरीवाल के साथी असीम अहमद, राखी बिड़लान, अमानतुल्ला, दिनेश मोहनिया, अलका लांबा, अखिलेश त्रिपाठी, संजीव झा, शरद चौहान, नरेश यादव, करतार सिंह तंवर, महेन्द्र यादव, सुरिंदर सिंह, जगदीप सिंह, नरेश बल्यान, प्रकाश जरावल, सहीराम पहलवान, फतेह सिंह, ऋतुराज गोविंद, जरनैल सिंह, दुर्गेश पाठक, धर्मेन्द्र कोली और रमन स्वामी जैसे आप विधायक और नेताओं पर आरोपों की लिस्ट लंबी होती गई है। जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी सी प्रजापति ने दिल्ली पुलिस से सूचना के अधिकार के तहत आम आदमी पार्टी के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी। उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ अपराधियों की पार्टी बनकर रह गई है।

छेड़खानी में फंसे कई आप विधायक
दिल्ली के मुख्यमंत्री महिलाओं के मुद्दे पर कितने संवेदनशील है इसका अंदाजा इससे लगता है कि उन्होंने यौन उत्पीड़न के एक मामले में पीड़िता को समझौता करने के लिए कहा था। नरेला से आप कार्यकर्ता सोनी ने मौत से पहले पार्टी के ही एक कार्यकर्ता रमेश भारद्वाज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि रमेश भारद्वाज की शिकायत लेकर वह मुख्यमंत्री से भी मिली थी, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। उसने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारद्वाज से समझौता करने को कहा। अरविन्द ने कहा था कि बैठकर बात कर लो, रमेश माफी मांग लेगा। महिला ने आरोप लगाया कि रमेश शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालता था। वह कहता था कि राजनीति में ऊपर जाने के लिए समझौता करना पड़ता है। सोनी मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को जेल भी जाना पड़ा क्योंकि सोनी ने उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।

इसके साथ ही प्रकाश जारवाल पर एक महिला ने छेड़खानी और धमकी देने का आरोप लगाया। आप नेता रमन स्वामी पर संगीन इल्जाम लगा कि उन्होंने शादीशुदा महिला के साथ बलात्कार किया। महिला ने नेताजी पर दोस्ती के बाद नौकरी दिलाने का झांसा देने और बलात्कार करने का आरोप लगाया जो मेडिकल परीक्षण में साबित भी हुआ।दिनेश मोहनियां पर न सिर्फ एक महिला ने बदसलूकी का आरोप लगाया था, बल्कि एक बुजुर्ग ने भी उनके खिलाफ थप्पड़ जड़ने का आरोप लगाया था। विधायक अमानुल्लाह खान पर उनके ही इलाके में रहने वाली एक महिला ने बलात्कार और हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया। महिला कल्याण मंत्री संदीप कुमार ने तो ऐसा कारनामा कर डाला कि केजरीवाल सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं रह गयी। एक ऐसी सीडी सामने आयी जिसमें संदीप कुमार महिलाओं के साथ अंतरंग अवस्था में थे।

आप को बताया खुद की बपौती, बिखरता गया आप का कुनबा
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कहा कि आम आदमी पार्टी के मालिक वो हैं, वो जिसको चाहे निकाल सकते हैं, जिसको चाहे रख सकते हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ताओं के मालिक वही हैं। केजरीवाल ने पार्टी की तुलना न्यूज चैनल से की और कहा न्यूज चैनल में किसी भी पत्रकार को रखने और निकालने का अधिकार मालिक का होता है, वही निर्णय ले सकता है, उसी प्रकार आम आदमी पार्टी के मालिक वो हैं। केजरीवाल अपनी सुविधा की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। समय-समय पर कई संगठनों और व्यक्तियों का उन्होंने सीढ़ियों की तरह इस्तेमाल किया और आगे बढ़ते गए। अन्ना हजारे, किरण बेदी, मयंक गांधी जैसे लोग जो केजरीवाल के साथ घुटन महसूस करते थे उन्होंने पार्टी खुद ही छोड़ दी। कई ऐसे भी हैं जिन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया या फिर उन्हें ‘सबक’ सिखाया गया। फाउंडर मेंबर योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और प्रोफेसर आनंद कुमार ने भी जब केजरीवाल की कार्यशैली पर सवाल उठाए तो उन्हें पार्टी से ‘लात’ मारकर निकाल दिया गया।

चाय-समोसों पर चट कर गए करोड़ों
ईमानदार केजरीवाल सरकार की सच्चाई देखिये कि फरवरी 2015 से अगस्त 2016 के बीच केजरीवाल के कार्यालय में 1.20 करोड़ रुपये के समोसे और चाय का खर्च दिखाया गया। आरटीआई के जरिए इस बात की सूचना सार्वजनिक हुई तो पता चला कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिवालय स्थित कार्यालय में 8.6 लाख और कैंप आफिस में 6.5 लाख रुपये का चाय और स्नैक्स में खर्च किए गए। केजरीवाल ने सरकार की वर्षगांठ मनाने के लिए 11-12 फरवरी, 2016 को अपने आवास पर दावत दी। एक थाली का खर्च 12, 000 रुपये था। नियमों के मुताबिक दावतों में खाने का खर्च 2, 500 रुपये प्रति थाली से अधिक नहीं हो सकता है। लेकिन नियमों की अनदेखी कर ताज होटल से मंगवाए गए भोजन में 11.4 लाख रुपये का खर्च आया था।

सैर सपाटे में लुटाया जनता का पैसा
2016 में जब दिल्ली में डेंगू का कहर था तो राज्य के डिप्टी सीएम फिनलैंड में मौज-मस्ती कर रहे थे। उपराज्यपाल की डांट पड़ी तो वापस आए। इसी तरह 11 अगस्त से 16 अगस्त, 2015 के बीच मनीष सिसोदिया ब्राजील की यात्रा पर गए। प्रोटोकॉल तोड़ अर्जेंटिना में इग्वाजू फॉल देखने चले गए। इसमें सरकार को 29 लाख रुपयों का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। बिजनेस क्लास में सफर करने वाला ये आम आदमी सितंबर, 2015 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी गए। जून 2016 में बर्लिन की भी यात्रा की। इसी तरह मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य मंत्री, विधायक भी विदेश यात्राओं पर जनता का पैसा पानी की तरह बहाया। केजरीवाल के साथी मंत्री उपराज्यपाल की अनुमति के बिना 24 बार विदेश यात्रा पर गए।

सचिव को सरकारी धन पर न्यूयार्क भेजा
केजरीवाल सरकार बनते ही महिला व बाल विकास मंत्री संदीप कुमार ने अपने सचिव प्रवीण सिंह को सरकारी खर्च पर न्यूयार्क भेजा क्योंकि उनकी पत्नी का इलाज वहां चल रहा था। पत्नी रितू वर्मा न्यूयार्क बच्चे को जन्म देने गई थी और उन्हें प्रसव के बाद देखभाल में मदद करने के लिए सचिव महोदय वहां पहुंचे। मंत्री ने इस बात की जानकारी सरकार को भी देनी उचित नहीं समझी। मंत्री जी अपने पासपोर्ट जिसका नंबर K649210 था उस पर 22 अप्रैल को अपनी गर्भवती पत्नी के साथ पहली बार कुवैत एयरवेज से और दूसरी बार 24 जून 2015 को एयर इंडिया से न्यूयार्क की यात्रा की। 3 मई को उन्होने अपने सचिव प्रवीण सिंह को न्यूयार्क जाने के लिए कहा और इसका सारा इंतजाम सरकारी खर्च पर हुआ। तीन दिनों बाद प्रवीण सिंह वापस आ गये लेकिन इस दौरान वहां मंत्री के आदेशनुसार उनकी पत्नी को ईलमर्स्ट हस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती करवाया और 10 जून को मंत्री जी के पुत्र रुद्र प्रताप सिंह का जन्म हुआ। न्यूयार्क में एक सामान्य डिलेवरी के लिए $3,550 से $4,300 और शिशु की देखभाल पर $1,100 से $1,200 खर्च आता है। बिना बीमा वालो मरीजों के लिए न्यूयार्क के हस्पताल में लगभग 115 प्रतिशत अधिक खर्च आता है।

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