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अमिताभ को सुप्रीमो मुलायम की धमकी का राज

अतुल मोहन सिंह
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव सूबे के ही आईपीएस अधिकारी को धमकी देने के मामले में विवादों में घिर गए हैं। सवाल ये है कि मुलायम जैसे क़द्दावर नेता ने ख़ुद फोन करके एक आईपीएस अधिकारी को धमकी क्यों दी। सूत्रों के मुताबिक़ मुलायम के धमकी देने की वजह बेहद व्यक्तिगत है क्योंकि पिछले एक साल से आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मुलायम के कई कऱीबियों को अपने निशाने पर ले रखा है।
दरअसल आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता और आररटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के ख़िलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं और गायत्री प्रजापति एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद कऱीबी हैं। गायत्री के कऱीबी रिश्तों का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद पिछले तीन साल में अब तक तीन बार गायत्री प्रजापति का प्रमोशन हो चुका है। नई सरकार बनने पर गायत्री को पहले सिंचाई विभाग में राज्यमंत्री बनाकर कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव से अटैच किया गया।
साल 2013 में गायत्री को ‘पहलाÓ प्रोमोशन दिया गया और खनन विभाग में राज्यमंत्री बनाकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अटैच कर दिया गया क्योंकि उस समय खनन विभाग मुख्यमंत्री के अधीन था। खनन विभाग में राज्यमंत्री बनने के बाद गायत्री खनन विभाग से हुई आमदनी को सीधा संबंधित ठिकाने पर पहुंचाने लगे जिसके बाद सरकार का भरोसा उन पर बढ़ गया और साल 2013 में ही उन्हें ‘दूसराÓ प्रमोशन देते हुए खनन विभाग में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर दिया गया जिसके बाद वो मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करने के नियम से बाहर हो गए। सरकार के भरोसे को मज़बूत करते हुए गायत्री प्रजापति दिन-रात ‘पूरी ईमानदारीÓ से मेहनत करते हुए आमदनी को सीधा संबंधित ठिकाने पर पहुंचाते रहे जिसके बाद साल 2014 में हुए मंत्रीमंडल विस्तार में सरकार ने गायत्री को ‘तीसराÓ प्रमोशन देते हुए खनन विभाग में ही सीधा कैबिनेट मंत्री बना दिया।
कैबिनेट मंत्री बनने के बाद गायत्री ने ‘पद की गरिमाÓ का पूरा ख़्याल रखते हुए सूबे के हर कोने में फैले हुए खनन माफियाओं को खनन के इतने पट्टे बांटे कि उनकी व्यक्तिगत कमाई 90 प्रतिशत बढ़कर 950 करोड़ हो गई जिसमें उनका पूरा परिवार शामिल था। ये बातें राजधानी लखऩऊ की सरकारी फिज़ा और मीडिया में आने के बाद आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी-सामाजिक कार्यकर्ता और आररटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने गायत्री के ख़िलाफ आररटीआई से कुछ जानकारियां इक_ा की और सूबे के लोकायुक्त के यहां शिकायत दर्ज करा दी। इस मामले में गायत्री बुरी तरह फंस गए और मीडिया से लेकर सामाजिक परिवेश में उनकी ख़ासी किरकिरी हुई। हालांकि लोकायुक्त के यहां गायत्री का कुछ बिगड़ नहीं पाया क्योंकि मुलायम से रिश्तों और सत्ता की बदौलत लोकायुक्त एन। के। मेहरोत्रा ने गायत्री को क्लीन चिट दे दी। सूबे के यही लोकायुक्त एन। के। मेहरोत्रा पूर्व में बीएसपी के कई मंत्रियों का विकेट गिराकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने में मदद कर चुके हैं लेकिन सेबे के लोकायुक्त का दूसरा कार्यकाल पा चुके एन। के। मेहरोत्रा तीसरी बार लोकायुक्त की कुर्सी पाने के लिए अखिलेश सरकार के प्रति नर्म रुख़ इख़्तेयार किए हुए हैं। बहरहाल लोकायुक्त से क्लीन चिट मिलने के बाद गायत्री ने ठाकुर दंपति के ख़िलाफ बदले की राजनीति शुरु कर दी और ग़ाजय़िाबाद के एक छुटभैया नेता को पटाकर ठाकुर दंपति के ग़ाजय़िाबाद प्रवास के बहाने उनके ख़िलाफ एक घटिया साज़िश की। गायत्री ने छुटभैया नेता के माध्यम से उसकी तथाकथित पत्नी और एक अन्य महिला को अलग-अलग लखऩऊ बुलवाया और ठाकुर दंपति को शांत करने के लिए अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ बलात्कार का फर्ज़ी मुक़दमा दर्ज करवाने के लिए राज़ी कर लिया।
गायत्री ने अपनी इस साज़िश में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जऱीना उस्मानी को भी शामिल कर लिया और राज्य महिला आयोग से नोटिस भिजवाकर अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ बलात्कार के दो फर्ज़ी मुक़दमे दर्ज करवा दिए लेकिन ईमानदार और शरीफ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर इस जांच में बेगुनाह पाए गए और दोनों मुक़दमे फर्ज़ी पाए जाने के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने सम्मान की ख़ातिर एक बार फिर गायत्री प्रजापति के ख़िलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार ठाकुर दंपति के निशाने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जऱीना उस्मानी भी हैं क्योंकि बेटे को खनन का पट्टा मिलने के लालच में जऱीना उस्मानी भी इस साज़िश में शामिल थीं और उन्हीं की मदद से अमिताभ ठाकुर के ख़िलाफ बलात्कार के झूठे मुक़दमे दर्ज हुए थे। इस मामले में ठाकुर दंपति की तरफ से मुक़दमा दर्ज होने के बाद सूबे के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जऱीना उस्मानी मुश्किल में फंस गए हैं। मुलायम सिंह यादव टेप में उसी एफआईआर का ज़िक्र कर रहे हैं। इत्तेफाक़ से जऱीना उस्मानी भी एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव की बेहद कऱीबी हैं और मुलायम की कोर टीम का हिस्सा मानी जाती हैं।
ठाकुर दंपति के निशाने पर आने के बाद जऱीना उस्मानी को ज़्यादा मुसीबत हो रही है इसलिए अपने बेहद कऱीबियों गायत्री और जऱीना को मुश्किल में फंसता देख मुलायम ने अपने समाजवादी प्रेम के चलते भावुकता में अमिताभ ठाकुर को फोन कर धमकी दे डाली। हालांकि आज के ज़माने की बदलती राजनीति और एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के क़द को देखते हुए इस मामले में कोई कार्रवाई होने की उम्मीद नहीं है लेकिन पीडि़त अमिताभ ठाकुर ने लखऩऊ की हजऱतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए तहरीर दे दी है। हम तो अब यही कहेंगे कि समाजवादी आंदोलन के पुरोद्धा स्वर्गीय राममनोहर लोहिया के आदर्शों की दुहाई देने वाली समाजवादी सरकार के मुखिया और उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सूबे के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को धमकी देने के मामले में अपने पिता मुलायम सिंह यादव के ख़िलाफ केस दर्ज कराकर राजधर्म का परिचय दें।
नूतन ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार: समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की ओर से आईपीएस अमिताभ ठाकुर को फोनकर धमकी देने की घटना के बाद अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने गृह मंत्रालय से सुरक्षा की गुहार लगाई है। अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने साक्षात्कार में बताया कि साल 2006 में अमिताभ फिरोजाबाद में वीआईपी ड्यूटी पर तैनात थे।

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