आप भी हासिल कर सकते हैं अपना पसंदीदा आधार कार्ड नम्बर, बस थोड़ा कीजिए इंतजार

कमलेश पांडेय 

आधार कार्ड के नंबर को लेकर एक नया मामला सामने आया है जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय में यह अर्जी लगाई गई है कि गाड़ी के नंबर की तरह ही आधार कार्ड का नंबर भी हमें अपनी मर्जी से लेने की इजाजत दी जाए। उल्लेखनीय है कि भारत में आधार कार्ड आज के समय में एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है।

क्या आपको पता है कि अपने वाहनों के नंबर की तरह ही अब आप अपना मन पसंदीदा आधार कार्ड नंबर भी चुन सकेंगे? निकट भविष्य में यूआईडीएआई आपके इस सपने को भी साकार करने की जुगत बैठा रही है। इससे जहां उसकी आमदनी में बेहिसाब इजाफा हो सकता है, वहीं दूसरी ओर आधार कार्ड धारक अपने लिए सूट होने वाली अंक विद्या संख्या यानी न्यूमेरोलॉजी के मुताबिक फरमाइश करके अपना मनपसंदीदा आधार कार्ड नम्बर हासिल कर सकते हैं। बस थोड़ा इंतजार कीजिए, क्योंकि इसी तरह का एक मामला न्यायालय की दहलीज तक पहुंच चुका है। इसलिए आपको माननीय न्यायालय का निर्णय आने तक तो इंतजार करना ही होगा।

मनपसंद आधार कार्ड  नंबर को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के सामने आया है एक नया मामला 
बताते चलें कि आधार कार्ड के नंबर को लेकर एक नया मामला सामने आया है जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय में यह अर्जी लगाई गई है कि गाड़ी के नंबर की तरह ही आधार कार्ड का नंबर भी हमें अपनी मर्जी से लेने की इजाजत दी जाए। उल्लेखनीय है कि भारत में आधार कार्ड आज के समय में एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। क्योंकि इसके बिना आप कोई भी सरकारी या गैरसरकारी काम या फिर बैंक से जुड़ा कोई भी काम नहीं कर सकते हैं। इसलिए आपका आधार से जुड़े हर नियम पर अपडेट होना जरूरी है। इस सम्बन्ध में यूआईडीएआई समय-समय पर आधार कार्ड से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचता रहता है, जिससे आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। 
क्या गाड़ी के नंबर की तरह ही आधार कार्ड का नंबर भी हम अपनी मर्जी से ले सकते हैं?
हालांकि, इसी बीच अब एक नया मामला सामने आया है कि क्या गाड़ी के नंबर की तरह ही आधार कार्ड का नंबर भी हम अपनी मर्जी से ले सकते हैं? इस सम्बन्ध में  भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एक व्यापारी को नया आधार संख्या जारी करने की मांग संबंधी अर्जी का दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कह कर विरोध किया है कि ऐसा अनुरोध लोगों द्वारा अपनी पसंद की वाहन पंजीकरण संख्या मांगने के जैसा होगा। दिल्ली उच्च न्यायालय में प्राधिकरण की ओर से पेश वकील जुहैब हसन ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि यह किसी कार के लिए फैंसी नंबर प्लेट के डिमांड जैसा होगा। 
क्या आधार क्रमांक समेत याचिकाकर्ता के निजी विवरण के साथ किया गया है समझौता?
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति पल्ली एक अर्जी पर सुनवाई कर रही हैं जिसमें आरोप लगाया गया है कि आधार क्रमांक समेत याचिकाकर्ता के निजी विवरण के साथ समझौता किया गया है। यानी कि उन्हें उनकी मर्जी का आधार नंबर इशू किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में मो. हसन ने यह भी कहा कि वर्तमान ढांचा आधार कार्ड धारकों को ‘सुरक्षा के कई स्तर’ प्रदान करता है और यदि इस अर्जी को स्वीकार कर लिया गया तो बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आयेंगे जो अपना आधार क्रमांक बदलवाने की मांग करेंगे। लगे हाथ उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस जुड़वाएं ताकि उसके आधार क्रमांक का गलत जगह उपयोग नहीं हो सके। आपको बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के वित्‍त पोषण हेतु सरकार करती है आधार कार्ड का उपयोग
भारत सरकार बड़ी संख्‍या में सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं का वित्‍त पोषण करती है जो कि समाज के गरीब और सबसे कमजोर वर्गों की ओर केंद्रित होती हैं। आधार और इनके मंच सरकार के लिए उसके कल्‍याण तंत्र को कारगर बनाने के लिए और इस प्रकार पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।

आधार कार्ड का सरकारों एवं सेवा एजेंसियों हेतु है महत्वपूर्ण उपयोग
अपने पूरे डेटा-बेस के विपरीत केवल वे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक विशेषज्ञताओं की डी-डुप्‍लीकेटिंग के पश्‍चात यूआईडीएआई निवासियों के लिए आधार नम्‍बर जारी करता है। आधार प्रमाणीकरण विभिन्‍न योजनाओं के तहत् दोहराव के उन्‍मूलन में सक्षम है और इससे सरकारी खजाने में पर्याप्‍त बचत होने की उम्‍मीद है। यह सरकारों को लाभार्थियों के सटीक डेटा प्रदान करने, प्रत्यक्ष लाभ कार्यक्रम को सक्षम करने और सरकारी विभागों/सेवा प्रदाताओं को समन्वय और विभिन्न योजनाओं के अनुकूलन करने की अनुमति प्रदान करता है। लाभार्थियों को सत्यापित करने और लाभों के लक्षित वितरण को सुनिश्चित करने में कार्यान्वयन एजेंसियों को आधार सक्षम करेगा। इन सभी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने का परिणाम होगा:-
आधार कार्ड के लक्षित वितरण द्वारा लीकेज को रोकना
कल्याण कार्यक्रमों, जहां सेवा वितरण से पूर्व लाभार्थियों की पुष्टि करना आवश्‍यक है, को यूआईडीएआई की प्रमाणीकरण का सेवा लाभ मिलेगा। इसके परिणामस्‍वरूप लीकेज को रोकना और सेवाओं का वितरण लक्षित लाभार्थियों तक ही किया जाना सुनिश्चित होगा। उदाहरणस्‍वरूप, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों को सब्‍सडाइज्‍ड योजना और मिट्टी के तेल का विवरण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभार्थियों की कार्यस्थल उपस्थिति आदि इसमें शामिल हैं।
आधार कार्ड से दक्षता और प्रभावकारिता में सुधार
आधार मंच से सेवा वितरण प्रणाली के बारे में पारदर्शी और सटीक जानकारी उपलब्‍ध कराने के परिणामस्‍वरूप सरकार संवितरण प्रणाली में सुधार कर सकती हैं और दुर्लभ विकास कोष को और अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलतापूर्वक सेवा वितरण नेटवर्क में शामिल मानव संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकती है।

निवासियों को देश भर में ऑनलाईन पहचान सत्यापन का एकमात्र स्‍त्रोत प्रदान करती है आधार प्रणाली
आधार प्रणाली निवासियों को देश भर में ऑनलाईन पहचान सत्यापन का एकमात्र स्‍त्रोत प्रदान करती है। निवासियों का एक बार नामांकन हो जाने पर वे आधार नम्‍बर का इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से उपयोग कर अपनी पहचान को सत्‍यापित और प्रमाणित कर सकते हैं। इसके द्वारा नागरिक प्रत्‍येक बार सेवाओं- जैसे, बैंक खाता खोलने के लिए, ड्राइविंग लाइसेंस आदि प्राप्‍त करने हेतु बार-बार पहचान समर्थन दस्‍तावेजों को उपलब्‍ध कराने की परेशानी से बच सकते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं कि पहचान का यह एक पोर्टेबल सबूत, जिसे कभी भी कहीं भी ऑनलाईन आधार पर प्रमाणीकरण के माध्‍यम से सत्‍यापित किया जा सकता है। यह उपलब्‍ध करवा कर आधार प्रणाली ने ऐसे लाखों लोगों को, जो देश के एक भाग से दूसरे भाग में चले जाते हैं, गतिशीलता प्रदान की है। इसके लिये हमें इसके स्वप्न द्रष्टाओं का तहेदिल से आभारी होना चाहिए।

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