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राजनीति

मायावती का हाथी ऐसे बनेगा प्रदेश के ब्राह्मणों का साथी

🙏बुरा मानो या भला 🙏

—मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”

मीडिया सूत्रों से ख़बर मिली है कि 23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने एलान किया कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। खुशी कुख्यात विकास दुबे के भतीजे अमर की पत्नी है। बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में दोनों ढेर कर दिए गए थे। ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए बसपा, सपा और कांग्रेस एड़ीचोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन ब्राह्मणों का सच्चा हमदर्द कौन है?
बसपा सुप्रिमो सुश्री मायावती और उनकी पार्टी के “ब्राह्मण नेता” अगर वास्तव में ब्राह्मणों के हितैषी हैं तो सर्वप्रथम आरक्षण को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। यदि यह भी संभव नहीं है तो कम से कम Sc/St एक्ट को “ब्राह्मण मुक्त” बनाने हेतु आंदोलन चलाएं और महामहिम से सिफारिश करें। साथ ही साथ ब्राह्मण समाज पर लगे तमाम झूठे मुकदमे वापस कराए जाएं।

सतीश चंद्र मिश्रा और नकुल दुबे जैसे बसपा नेता यह भी बताएं कि बाबा अम्बेडकर की तरह ही भगवान परशुराम के नाम पर भी गांव और पार्क कब बनवाये जाएंगे। ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन करवाने से और गुंडे-बदमाशों की पैरवी करने से ब्राह्मण समाज का भला नहीं होने वाला है। सुश्री मायावती को ब्राह्मण हितों के लिए बेहद ठोस कदम उठाने होंगे। जिसमें ब्राह्मण समाज को यथोचित सम्मान, एट्रोसिटी एक्ट को पूरी तरह से समाप्त करना आवश्यक कदम हैं।

यदि बसपा सुप्रीमों यह भी कर पाने में असमर्थ हैं तो कम से कम इतना भर कर दें कि दलित समाज के प्रत्येक व्यक्ति को बाबा भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तक “थॉट्स ऑन पाकिस्तान” अथवा “पाकिस्तान : द पार्टीशन ऑफ इंडिया” उपलब्ध करवाएं ताकि वह उसे पढ़ और समझ सकें। साथ ही पाकिस्तान के प्रथम कानून और श्रम मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल की जीवनगाथा का सच देश के प्रत्येक दलित तक अवश्य पहुंचवा दें।
प्रदेश की जनता को यह भी अवश्य बताएं कि ऐसा क्या हुआ था कि मायावती बहन को उन गुंडों से हाथ मिलाना पड़ा जिन्होंने “एक दलित की बेटी” की इज़्ज़त को तार-तार करने की हरसम्भव कोशिश की थी। और क्यों उस भाजपा का विरोध करना पड़ रहा है जिसने उन गुंडों-बदमाशों से “दलित की बेटी” की जान बचाई थी।

जनता यह भी जरूर जानना चाहेगी कि क्या सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को सम्मान दिला पाएंगे?

🖋️ मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
समाचार सम्पादक- उगता भारत हिंदी समाचार-
(नोएडा से प्रकाशित एक राष्ट्रवादी समाचार-पत्र)

*विशेष नोट- उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। उगता भारत समाचार पत्र के सम्पादक मंडल का उनसे सहमत होना न होना आवश्यक नहीं है। हमारा उद्देश्य जानबूझकर किसी की धार्मिक-जातिगत अथवा व्यक्तिगत आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुंचाने नहीं है। यदि जाने-अनजाने ऐसा होता है तो उसके लिए हम करबद्ध होकर क्षमा प्रार्थी हैं।

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