कम्युनिस्ट क्या है,कौन है , थोड़ा सोचिए

यदि आपके घर में काम करने वाले नौकर से कोई आकर कहे, कि तुम्हारा मालिक तुमसे ज्यादा क्यों कमा रहा है? तुम उसके यहां काम मत करो, उसके खिलाफ आंदोलन करो, उसे मारो और अगर जरूरत पड़े तो हथियार उठाओ, हथियार मैं ला कर दूंगा। यह सलाह देने वाला व्यक्ति कम्युनिस्ट है..

यदि आपके घर में आपको पलंग से चोट लग जाए तो यह व्यक्ति आकर आपको बोलेगा कि यह घर तुम्हारे लायक नहीं, तुम्हारा दुश्मन है। इसे तोड़ दो, मैं तुम्हें इससे अच्छा घर दिलाऊंगा। यह आदमी कम्युनिस्ट है..

कोई शैतान बच्चा जिसने साल भर पढ़ाई नहीं करी और परीक्षा में उसके फेल होने के पूरे आसार हैं, उसके पास जाकर बोलना कि तुम नकल करो और जो कोई रोके उसे मारो। यह सलाह देने वाला कम्युनिस्ट है..

अगर कोई गरीब मजदूर, जो किसी ठेकेदार या किसी पुलिस वाले का सताया हो, उसको यह कहकर भड़काना, कि पूरी सरकार तुम्हारी दुश्मन है, इन्हें मारो और अपना खुद का राज्य बनाओ। तुम्हें हथियार में दूंगा। यह आदमी कम्युनिस्ट है..

अगर कोई आपके पुरखों के वैभव और शानदार इतिहास को छुपाकर आपको यह बताए, समझाए और पढ़ाए कि दूसरे देश तुम से बेहतर हैं, तुम कुछ भी नहीं हो, यह हीन भावना जगाने वाला आदमी कम्युनिस्ट है..
एक चलते हुए कारखाने को कैसे बंद करना है, एक सुरक्षित देश में कैसे सेंध लगानी है, अच्छे खासे युवा के दिमाग में कैसे देशद्रोही का बीज बोना है, किसी सिस्टम के सताए मजबूर इंसान को कैसे राष्ट्रविरोधी नक्सली बनाना है.. यह सब कम्युनिस्टों की विचारधारा है।

और हाँ ये अपनी माँ को माँ कहने के बजाय अपने बाप की औरत कहना ज्यादा पसंद करते है।

वैसे भी जहां-जहां जिस जिस देश में कम्युनिस्ट हुए हैं, वहां सिवाय नुकसान और तबाही के कुछ नहीं हुआ। मेरी समझ में तो कम्यूनिस्ट मार्क्सवाद नक्सलवाद सब यही है। किसी ने और कुछ समझा हो तो में क्या कहूँ बस् मैं उनकी सोच को में लाल सलाम ही कह सकता हूं
वंदे मातरम्।।

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