बिहार में विधानसभा चुनाव समय पर होने की संभावना

अंकित सिंह

चुनाव आयोग कोविड महामारी के बीच होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि अगले कुछ दिनों में जारी हाने जा रहे ये दिशा-निर्देश राजनीतिक दलों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित होंगे।

एक बात साफ है कि चुनाव आयोग समय के अनुसार ही बिहार में विधानसभा चुनाव करवाएगा। हालांकि लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल लगातार चुनाव आयोग से बिहार में चुनाव टालने की मांग कर रही है। लेकिन जिस तरीके से चुनाव आयोग ने पिछले दिनों इस बात को साफ कर दिया कि बिहार में चुनाव तय समय पर ही होंगे, राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट गए है। उधर चुनाव आयोग ने भी चुनाव कैसे कराया जाए, प्रचार के तरीके क्या होंगे, इसके लिए भी दिशानिर्देश बनाने की शुरुआत कर दिए है। कोरोनावायरस संकट को देखते हुए चुनाव आयोग प्रचार के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा। इसके लिए बिहार के राजनीतिक दलों से भी सुझाव मांगे गए थे।

चुनाव आयोग (ईसी) कोविड महामारी के बीच होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि अगले कुछ दिनों में जारी हाने जा रहे ये दिशा-निर्देश राजनीतिक दलों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित होंगे। अधिकारियों ने लोगों को कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क लगाने, एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने और अन्य एहतियाती उपाय करने के लिए कहा है। बिहार में एक लाख से अधिक इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। आयोग ने पिछले महीने राजनीतिक दलों से ‘‘अपने विचार एवं सुझाव भेजने को कहा था ताकि इस महामारी के दौरान उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार अभियान के लिए जरूरी दिशा-निर्देश तय किये जा सकें।’’

चुनाव आयोग दिशानिर्देशों में यह भी तय करेगा कि एक रोड शो में 5 से ज्यादा गाड़ियां ना हो जबकि नामांकन दाखिल करते वक्त उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो व्यक्ति ही उपस्थित रहे। सभाओं में लोगों के बीच कम से कम 2 गज की दूरी रहे जबकि सिर्फ 3 लोगों को ही घर-घर जाकर प्रचार करने की अनुमति होगी। हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारी को यह भी निर्देश दिए जा सकते है कि वह बताएं कि एक रैली में कितने लोगों को जाने की इजाजत दी जाए। रैली और चुनाव प्रचार में लगे लोगों के लिए चेहरे पर मास्क अनिवार्य होगा। इसके अलावा उन तमाम दिशा निर्देशों का पालन भी कराना होगा जो स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है।

इस दिशानिर्देश में इस बात का भी जिक्र होगा कि चुनाव वाले दिन बूथ पर मौजूद कर्मचारी के पास सैनिटाइजर, मास्क और दस्ताने उपलब्ध होने चाहिए। पोलिंग स्टाफ के लिए फेस शिल्ड भी मुहैया कराया जाएगा। वोटरों को मतदान के दौरान दूरी बनाकर रहने की हिदायत दी जा सकती है। चुनाव आयोग दिशा निर्देश में इस बात का भी जिक्र कर सकता है कि स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी भी पोलिंग बूथ पर मौजूद रहेंगे। चुनाव आयोग राजनीतिक दलों से भी इस बात का आग्रह कर सकता है कि वह करोना संकट के दौरान होने वाले चुनाव में लोगों को जागरूक करें और कोरोनावायरस से बचने के उपाय और जरूरी चीजों को मुहैया कराएं। चुनाव आयोग इस बात को भी स्वीकार करता है कि उसे लोगों के बीच सामाजिक दूरी को लागू कराने में मशक्कत करना पड़ सकता है।

इस दिशानिर्देश में चुनाव आयोग डिजिटल कैंपेनिंग को भी मंजूरी दे सकता है। हालांकि बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और वाम दल डिजिटल कैंपेनिंग के खिलाफ है। जब जुलाई महीने में गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में डिजिटल कैंपेनिंग किया था तो उस वक्त इसको लेकर खूब विवाद हुए थे। यह माना जा रहा है कि सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर सकता है। कुछ दिन पहले तक इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि शायद कोरोनावायरस संकट की वजह से बिहार का विधानसभा चुनाव टाल दिया जाए। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि कोरोना की वजह से कई चुनाव को टालने पड़े है।

फिलहाल बिहार कोरोनावायरस और बाढ़ के संकट से ग्रस्त है। ऐसे में यहां चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए कड़ी परीक्षा साबित हो सकती है। कुछ दिनों पहले एक समाचार चैनल से बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी साफ कर दिया था कि बड़े राज्यों के चुनाव टाले नहीं जा सकते है। हालांकि उस वक्त कोरोनावायरस इतनी विकराल स्थिति में नहीं थी। फिर भी अब चुनाव आयोग बिहार में चुनावी तैयारियों में है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है और अक्टूबर-नवंबर में किसी भी समय चुनाव कराए जा सकते है।

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