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आतंकवाद

हिंदू नहीं है हिंदुस्तान में भी सुरक्षित : अब दलित विधायक के भतीजे का सर कलम करने को लेकर की गई 51 लाख रुपए की घोषणा

कांग्रेस के दलित विधायक के भतीजे का सर कलम करने वाले को ₹51 लाख का इनाम :पूर्व सपा नेता शाहजेब रिजवी

अभी कुछ समय बाद पश्चिमी बंगाल और बिहार जैसे दो महत्वपूर्ण प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं । ये दोनों प्रदेश ही संप्रदायिक दंगों के दृष्टिगत बहुत ही संवेदनशील समझे जाते हैं । हिंदू-मुस्लिम दंगों के दृष्टिगत इन दोनों प्रदेशों का इतिहास अधिक अच्छा नहीं रहा । ऐसे में अगले कुछ माह देश के लिए सांप्रदायिक शक्तियों के तांडव करने के हो सकते हैं । जिसके चलते प्रदेश सरकारों को और केंद्र सरकार को अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है । क्योंकि इन दोनों प्रदेशों के चुनाव परिणामों को सांप्रदायिक शक्तियां अपने पक्ष में करने के लिए किसी भी स्थिति तक जा सकती हैं । यही कारण है कि मुस्लिम सांप्रदायिकता को हवा देने वाले लोग खुलकर सामने आने लगे हैं ।

समाजवादी पार्टी मुस्लिम सांप्रदायिकता का खुला समर्थन करने के लिए जानी जाती रही है । यही कारण है कि इस पार्टी के मंच पर कई बार ऐसे लोग भी दिखाई दिए हैं जिनका सांप्रदायिक दंगों के दृष्टिगत बहुत ही कुख्यात इतिहास रहा है । पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव अपने आपको ‘मौलाना मुलायम’ कहलाने में बहुत खुश होते थे। उन्होंने मुस्लिम तुष्टीकरण के दृष्टिगत निहत्थे रामभक्तों पर भी गोली चलाने में परहेज नहीं किया था।
अब उसी पार्टी शाहज़ेब रिज़वी ने बेंगलुरु की आग को भड़काने का काम ले लिया है । वास्तव में इन जैसे लोगों के लिए समाज सेवा यही है कि वह सांप्रदायिक दंगे भड़काएं और लोगों के साथ जीवन में आग लगाएं । समय का तकाजा है कि इन जैसे लोगों की राजनीति पर पूर्ण पाबंदी लगाने के लिए कठोर कानून बनाया जाए । सांप्रदायिक संबोधन देने और सांप्रदायिकता को बढ़ाना बढ़ावा देने की कारगुजारियों को पूर्णतया गैरकानूनी घोषित किया जाए । जो लोग संप्रदाय के हितों की बात करते हैं और उसी पर भाषण देते हैं उनके विरुद्ध भी कठोर कानूनी कार्यवाही करने हेतु कानून को और कड़ा किया जाए । यद्यपि रिजवी ने समाजवादी पार्टी से समय दूरी बनाई हुई है , परंतु उन्हें यह भी पता है कि जब वह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले तकरीरें देंगे तो सपा के नेता अपने आप ही आशीर्वाद देते हुए उसके पास आ जाएंगे।
उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकारों को सबसे पहले इस शांतिप्रिय, गरीब, मजलूम और नासमझ को किसी भी रूप में मिलने वाली सरकारी सहायता को बंद कर इसके और इसके परिवार के बैंक खातों की जाँच करे। भड़काऊ पोस्ट डालकर फरार रिज़वी जब भी पकड़ में आये, इसे संरक्षण देने वालों को गुनहगार को पनाह देने के जुल्म में गिरफ्तार किया जाए। साथ में यह भी कानून बनाकर संसद में पारित करवाएं कि “जब किसी को मोहम्मद के खिलाफ कोई भी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं, तो हिन्दू देवी-देवताओं पर अभद्र व्यंग अथवा टिप्पणी करने वाले को भी एक निश्चित अवधि की कारावास और नकद जुर्माना देना होगा।”
मुस्लिम नेता शाहजेब रिजवी ने गुरुवार (13 अगस्त, 2020) को एक विवादित वीडियो पोस्ट करते हुए बेंगलुरु में कांग्रेस के दलित विधायक के भतीजे नवीन का सिर काटने पर 51 लाख रुपया का इनाम रखा है। नवीन ने पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट किया था। सोशल मीडिया पर यह वीडियो इस वक्त तेजी से वायरल हो रहा है।
शाहजेब रिजवी ने अपने विवादित वीडियो में कहा, “फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उसनें हुजूर के शान में जो गुस्ताखी की है, मैं उसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूँ, रिजवी ने ऐलान किया की इस युवक जो सर कलम करके लाएगा उसे मैं 51 लाख का नगद ईनाम दूँगा। रिजवी ने मुस्लिमों से अपील की है कि सब मिलकर 51 लाख रुपए जमा करो।”
इस प्रकार की घटनाओं से स्पष्ट होता है कि लोगों के सर पर कलम करवाना और इसके लिए लोगों से पैसे इकट्ठे करवाना रिजवी जैसे लोगों का व्यापार बन चुका है । लाशों के इन व्यापारियों को उचित सजा देने के लिए सरकार को अपनी एजेंसियों को सक्रिय करना चाहिए । जो लोग खुल्लम-खुल्ला किसी भी संप्रदाय के व्यक्ति को उड़ाने की , खत्म करने की या उसका सर कलम करने की या उसकी मौत पर इनाम की घोषणा करने की हिम्मत करते हैं ,उनकी ऐसी किसी भी गतिविधि को गैरकानूनी मानते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतवर्ष में भी हिंदू अपने आप को कमजोर और असुरक्षित अनुभव करता है । जबकि हिंदुस्तान से अलग किसी अन्य देश में तो उसके अधिकारों की किसी भी को भी परवाह है ही नहीं , ऐसे में हिंदू धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए भी सरकारी स्तर पर विशेष सुरक्षा उपाय करने चाहिए।

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