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आतंकवाद

राम मंदिर को तोड़ फिर से महा मस्जिद बनाए जाने की धमकी देने वाले मौलाना के खिलाफ आखिर कब होगी कार्यवाही

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद राशिदी

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
शहर बसा नहीं, लुटेरे पहले आ गए यानि जिस बात का शुरू से ही अंदेशा था, वह नफरत और जहर किसी न किसी रूप में बाहर आनी शुरू हो चुकी है। और जो लोग जहर फैला रहे हैं, केंद्र सरकार उसका संज्ञान लेकर इन्हें और इन्हें समर्थन देने वाली पार्टियों को भी सचेत कर, सख्त कार्यवाही करे। भारत की धरती अब दंगों से लाल नहीं होनी चाहिए। इन मौलानाओं और इनके घर के किसी परिन्दे तक को खिरोंज तक नहीं आएगी, लेकिन मारा जायेगा बेगुनाह, फिर उन लाशों पर बैठ मालपुए खाएंगे।

2013 में प्रकाशित मेरा स्तम्भ 

ये लोग भूल रहे हैं कि अभी अयोध्या से कलंक मिटा है, मथुरा, काशी और हज़ारों स्थल बाकी हैं, जहाँ से कलंक मिटना शेष है। स्मरण हो, विश्व हिन्दू परिषद ने प्रारम्भ में ही कहा था, “हमारे ये तीन तीर्थ–अयोध्या, मथुरा और काशी– दे दो, अन्यथा 6000 लेकर रहेंगे।” अब कोई ऐसी सरकार नहीं है और न ही भविष्य में आएगी, जो सबूतों को कोर्ट से छुपा सके। राम मंदिर के सबूतों को छुपाने वाली पार्टियों का हश्र सबके सामने है, सभी हाशिए पर आ गयी। जिस कारण अयोध्या मुद्दा इतने वर्षों तक एक कोर्ट से दूसरी कोर्ट में घूमता रहा, क्योकि कुर्सी के भूखे नेता अदालतों में मंदिर के मिले प्रमाणों को छुपाकर हिन्दुओं को साम्प्रदायिक और मुस्लिम विरोधी सिद्ध कर रहे थे।  
5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। इसके एक दिन बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मुखिया ने राम मंदिर पर विवादित बयान दिया। मौलाना साजिद राशिदी ने राम मंदिर को तोड़ने की धमकी दी। राशिदी के मुताबिक़, आने वाले समय में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बनाई जा सकती है। विवादित ज़मीन पर मस्जिद थी और वहीं रहेगी। इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने राशिदी को जवाब दिया है।
त्रिपाठी ने कहा, “यही भावना रही तो टीवी स्क्रीन से निकल कर कभी भी यूपी के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे।” भाजपा प्रवक्ता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा,
“यह 500 साल पुराना भारत नहीं है। यह मोदी जी का नया भारत है, UP, योगीजी, सीएए प्रदर्शन, पोस्टर, कुर्की, सरकारी वसूली यह सब याद है ना। वही जिससे बचने के लिए गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट तक दौड़े थे। यही भावना रही तो टीवी स्क्रीन से निकल कर कभी भी यूपी के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे।”

  
मौलाना साजिद रशिदी ने राम मंदिर पर अपने बयान में कहा था,
“एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद ही रहती है। यह कुछ और बनाने के लिए तोड़ी नहीं जा सकती है। हम ऐसा मानते हैं और भरोसा करते हैं कि वहाँ मस्जिद थी और मस्जिद ही रहेगी। वह मस्जिद एक मंदिर को तोड़ कर नहीं बनाई गई थी, लेकिन अब ऐसा हो सकता है कि कभी मंदिर तोड़ कर उस जगह पर मस्जिद बनाई जाए। प्रधानमंत्री ने अयोध्या के मंदिर निर्माण कार्यक्रम में शामिल होकर संविधान की अवहेलना की है। उस ज़मीन पर बाबरी मस्जिद थी जिसे हिटलर की फ़ौज से मिलते -जुलते लोगों ने तोड़ा था। जो लोग इंसाफ में भरोसा रखते हैं वह किसी न किसी दिन उस मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर देंगे।”

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