वर्तमान परिदृश्य में गुर्जर समाज की भूमिका पर गुर्जर सभा मेरठ द्वारा की गई वेबीनार : शिक्षा के क्षेत्र में करना होगा क्रांतिकारी कार्य : भोपालसिंह गुर्जर

मेरठ । ( विशेष संवाददाता ) आज यहां पर ‘वर्तमान परिदृश्य में गुर्जर समाज की भूमिका’ पर गुर्जर सभा मेरठ द्वारा एक वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें बोलते हुए श्री भोपाल सिंह गुर्जर ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में गुर्जरों को युवाओं को शिक्षित कर आगे बढ़ाना होगा । उन्होंने कहा कि यद्यपि इस क्षेत्र में काफी कुछ कार्य किया गया है परंतु अभी भी क्रांतिकारी कार्य करना शेष है । जिससे युवा वर्तमान शिक्षा से जुड़कर समाज के लिए उपयोगी कार्य कर सकें । उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना जैसी बीमारी से हमें सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए और सरकारी नियमों को अपनाकर विजय प्राप्त करनी है। उन्होंने कहा कि गुर्जर एक जीवंत जाति है। जिसका एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है ।आज भी अपने इतिहास के अनुरूप इसे समाज को दिशा दर्शन देने के लिए अपनी भूमिका चुननी ही पड़ेगी।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी और चिंतक सरजीत कुमार सिंह ने कहा कि अब समय ऐसा आ चुका है जब हमें बोलना कम और काम अधिक करके दिखाना है । उन्होंने कहा कि शिक्षा सफलता की कुंजी है । समाज को हम संस्कारित बनाएं तो निश्चय ही देश समाज और मानवता का भला हो सकता है।

उन्होंने कहा कि एक शिक्षित , संस्कारित और सभ्य समाज ही किसी देश का सही नेतृत्व कर सकता है।
जबकि समाज के लिए बहुत अधिक मेहनत करने वाले और दानवीर कर्ण के नाम से विख्यात समाजसेवी नेपाल सिंह कसाना ने कहा कि पूरे देश में गुर्जरों की दयनीय स्थिति पर सरकार को अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना चाहिए । उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकारों से गुर्जर समाज अभी भी वंचित है । जिसके लिए हमें विशेष रूप से पूरे देश में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के गौरव पूर्ण इतिहास को सही संदर्भ में प्रस्तुत करना और गुर्जर समाज को कुरीतियों से मुक्त करना आज के जागरूक गुर्जरों का महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए।

वेबिनार की अध्यक्षता और दीप प्रज्वलन श्री भंवर सिंह अध्यक्ष गुर्जर सभा द्वारा किया गया । जबकि टेक्निकल सहयोग व सफल संचालन श्री तस्वीर सिंह चपराना, चेयरमैन “1857 के क्रान्तिनायक अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ” द्वारा किया गया । श्री चपराना ने समाज में बढ़ रहे दहेज के प्रचलन और शादियों में फिजूलखर्ची पर भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि समाज को इस क्षेत्र में अब जागरूक होना होगा । स्वागत भाषण वीरेंद्र कुमार महासचिव गुर्जर सभा द्वारा दिया गया ।
डॉ राकेश कुमार आर्य (वरिष्ठ पत्रकार ) ने कहा कि हमें इस समय प्रकृति के साथ अपना सानिध्य पैदा करना चाहिए। घरों में यज्ञ आदि करने की दिशा में भी कार्य करें । डॉ राकेश छोकर (वरिष्ठ पत्रकार) ने कहा कि संस्कार आधारित शिक्षा प्रदान कर समाज परिवर्तन का उद्घोष गुर्जर समाज को करना चाहिए। डॉ राकेश राणा (प्रोफेसर समाजशास्त्र ) ने भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुर्जर समाज का गौरवशाली इतिहास इस समय लोगों की दृष्टि में आना चाहिए।
विधायक मेरठ दक्छिन डॉ. सोमेंद्र तोमर ने समाज को जागरूक होकर इस समय कोरोनावायरस से निपटने के प्रति जागरूक किया और कहा कि समाज और राष्ट्र के लिए हम अपने आप को समर्पित करें इससे बड़ी कोई भूमिका हमारे लिए इस समय नहीं हो सकती । तत्पश्चात डॉ. हरेंद्र सिंह , प्रोफेसर डॉ. वीरपाल सिंह , प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार , प्रधानाचार्य सजीव नागर. डॉ. संजीव कुमारी, योगेंद्र रामचंद्र सिंह , , कर्मवीर गुमी, इंजीनियर आदेश कुमार सिंह , वेदव्रत आर्य , रजनीश पवार व अशोक चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर गुर्जर सभा के संचालक मंडल के सदस्य सर्वश्री ओपी राणा , भगवत सिंह बैंसला , धीरज भडाणा , चौधरी विजय सिंह धामा श्री धर्मवीर पोसवाल , जेडी भूमरा, मुनेंद्र लोहिया , प्रशांत बेसला , संभव भाटी , एसआर राणा व किरण पाल सिंह भी उपस्थित थे । इसके पश्चात अध्यक्ष गुर्जर सभा मेरठ श्री भंवर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण देकर समाज को विस्तार से कुरीतियों के विरुद्ध सावधान किया। नहीं इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लोगों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव और विचार इस अवसर पर प्रदान कर गुर्जर सभा को उपकृत किया है।
गुर्जर सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री मुनेन्र्द सिंह भडाना ने अपने विचार रखते हुए सभी महानुभावों का आभार प्रकट किया । इस अवसर पर गुर्जर सभा के पदाधिकारी मुनेंद्र सिंह भड़ाना , राजेंद्र सिंह लिसाड़ी , नोबिल कुमार , दिनेश मावई, महेंद्र सिंह नागर , जयप्रकाश वर्मा ,ओमपाल सिंह , गजराज सिंह , धीरेंद्र वर्मा , राजपाल सिंह , धर्मेंद्र कुमार , इंजीनियर आदेश कुमार , रजनीश पवार , रविंद्र प्रधान , यतेंद्र कुमार , जहान सिंह , कैप्टन ऋषि पाल सिंह , जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे ।

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