सावरकर जी पर कविता : हिमालय सा अटल रहे

आजादी जंग के स्तंभ
बम कांड लंदन का प्रथम जंग ।

 

आजादी के दीवाने बलिदानी
हारे नहीं पापियों से जंग में ।।

अत्याचार का पहाड़ टूटा
धैर्य की बांध नहीं टूटी
आप अपने संकल्प पर
हिमालय सा अटल रहे ।।

आपके बलिदान संघर्ष का
इतिहास दुनिया में नहीं ,

लाखों वर्ष आपको नमन करेंगे ,

आपके संघर्ष का नव इतिहास लिखेंगे ।।

करोड़ों देश सेवकों के साथ
चरणों में पुष्प अर्पित करें ।।

हरीवल्लभ “आरसी”

दिनांक 28 मई 2020

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