राष्ट्रीय इतिहास पुनर्लेखन समिति की बैठक में राष्ट्रपरक इतिहास की पुस्तकें उपलब्ध कराने की की गई मांग

नई दिल्ली । ( अजय आर्य ) उत्तर भारत प्रभारी के पद पर नियुक्त की गई समिति की महिला शक्ति की प्रतीक श्रीमती उमा घिल्डियाल ने कहा कि ‘ उगता भारत ‘ के माध्यम से हम संपूर्ण भारतवर्ष में वैचारिक क्रांति के जिस मिशन को लेकर आगे बढ़े हैं वह निश्चय ही एक दिन फलीभूत होगा। जबकि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त की गई श्रीमती सपना सक्सेना दत्ता ने कहा कि संस्कृत भाषा अपने आप में पूर्ण और वैज्ञानिक भाषा है। उन्होंने संस्कारों पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति को अपनाकर ही हम एक सार्थक जीवन जी सकते हैं।

समिति की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी को संबोधित एक ज्ञापन भी तैयार किया गया। जिसमें भारतीय इतिहास के दोबारा लिखने की मांग की गई है और प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व से यह अपेक्षा भी की गई है कि वह भारत के युवाओं को राष्ट्रपरक इतिहास की पुस्तकें यथाशीघ्र उपलब्ध कराएंगे। बैठक में समिति के पदाधिकारी श्रीनिवास आर्य ने कहा कि समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिखे गए भारत के 1235 वर्षीय स्वाधीनता संग्राम को सरकार को पाठ्य पुस्तकों में लगाना चाहिए। जबकि समिति के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और कार्यक्रम का संचालन कर रहे राकेश आर्य (बागपत ) की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि भारत सरकार देश के विद्यालयों में संस्कार आधारित शिक्षा लागू करने के लिए संपूर्ण शिक्षा प्रणाली की समीक्षा कराएं। जिससे कि अपने युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। बैठक में समिति के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के महासचिव श्री रविंद्र आर्य ने कहा कि इतिहास के तथ्यों के साथ खिलवाड़ करना सबसे बड़ा अपराध है । जिनको ठीक किया जाना समय की आवश्यकता है।

समिति के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार वैदिक ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के वर्तमान नेतृत्व से यह अपेक्षा की जा सकती है कि वह भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मजबूत करने के दृष्टिकोण से इतिहास को तथ्यात्मक आधार पर लिखवाने की पहल करेगा। इस अवसर पर हरगोविंद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी के दायित्व पर नियुक्ति भी दी गई।

इस अवसर पर समिति के संरक्षक डॉक्टर वीरपाल विद्यालंकार ने कहा कि उगता भारत राष्ट्र मंदिर बनाए जाने का डॉ राकेश आर्य का सुझाव स्वागत योग्य है। जिसके लिए हम सबको मिलकर सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है । इस राष्ट्र मंदिर में हमें अपना पूरा इतिहास दीवारों पर लिख कर अपने युवाओं का ब्रेन वाश करना होगा।

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम के आयोजक श्री धर्मचंद पोद्दार ने बताया कि समिति के द्वारा इस समय अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन भी किया गया । सर्व श्री गिरधारी लाल देबूका ,श्री राजेंद्र कुमार अग्रवाल ,पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र , श्री देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र ) डॉक्टर वीरपाल विद्यालंकार को समिति का संरक्षक बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रांतीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक समिति का गठन किया जाएगा। जिससे कि भारत के इतिहास को तैयार करने में आंचलिक इतिहास को भी स्थान प्राप्त हो सके और देश के राष्ट्रीय इतिहास में समग्रता समरूपता का प्रवेश कराया जा सके। बैठक को हीरेंद्र कांत शर्मा एडवोकेट द्वारा भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तथ्यात्मक आधार पर लिखा गया इतिहास ही देश के युवाओं को सही दिशा दे सकता है।

सभा के अंत में बैठक के आयोजक श्री पोद्दार द्वारा श्री विश्वकर्मा मंदिर प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया गया। जिसके विशेष सहयोग से यह बैठक संपन्न हो सकी। जिसमें विशेष सहयोग श्री गंगादीन शर्मा जांगिड़ का रहा , जिन्होंने भवन उपलब्ध कराया , मंच व कुर्सियां लगवाई और भी अनेक प्रकार से सहयोग किया इन लोगों के प्रति विशेष रूप से बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया गया । जबकि समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर्य द्वारा दूरदराज से उपस्थित हुए सभी पदाधिकारियों और सदस्यों का आभार व्यक्त किया गया और नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।

Comment: