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नागरिकता संशोधन कानून का विरोध वही कर रहे हैं जो मोदी सरकार से सबसे ज्यादा लाभ पा चुके हैं : मोहसिन रजा

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासनकाल में कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। मई 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय के लिए कई ऐतिहासिक काम किए। वह चाहे मुस्लिम समाज के अपलिफ्टमेंट के लिए बजट बढ़ाना हो या फिर हज पर जाने के लिए मुस्लिम भाइयों की संख्या बढ़ाने का काम हो।

अब उत्‍तर प्रदेश के अल्पसंखयक कल्याण राज्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि शाहीन बाग में जो लोग धरने पर बैठे हैं उन्हें सबसे ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है।

मोदी सरकार के सभी निर्णय देश हित में

उत्‍तर प्रदेश के अल्पसंखयक कल्याण राज्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा ने दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरने को लेकर बड़ा बयान दिया है, वो समन्वय समिति की बैठक में शामिल होने अमेठी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में जितने भी निर्णय लिए गए हैं, वह सभी देश हित में हैं इसलिए शाहीन बाग धरने का कोई औचित्य नहीं है।

विरोधी पार्टियों के पास नहीं बचा कोई मुद्दा

मोहसिन ने समाजवादी पार्टी, बसपा और आप पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इन सभी पार्टियों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है और इसी वजह से शाहीन बाग से उनकी दुकान चल रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में जो लोग धरने पर बैठे हैं उन्हें सबसे ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है।

प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना समेत जितनी भी योजनाएं केंद्र सरकार के द्वारा संचालित की जा रही हैं उसका सबसे ज्यादा फायदा मुस्लिम समाज के लोगों को हुआ है।

रिकॉर्ड 2 लाख मुसलमानों ने की हज यात्रा

वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 2 लाख भारतीय मुसलमान बिना किसी सब्सिडी के हज यात्रा पर गए, जिनमें लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं शामिल रहीं। बिना “मेहरम” (पुरुष रिश्तेदार) के 2340 मुस्लिम महिलाएं भी हज पर गईं। पीएम मोदी के आग्रह पर ही सऊदी अरब ने हज कोटा बढ़ाकर दो लाख किया था। मोदी सरकार ने हज यात्रा पर लगने वाले जीएसटी को 18% से घटकर 5% किया।

डिजिटल हुई हज 2020 की प्रक्रिया

भारत पूरी दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है, जहां हज 2020 के लिए सभी प्रक्रियाएं डिजिटल हो चुकी है। ऑनलाइन आवेदन, ई-वीजा, हज पोर्टल, हज मोबाइल ऐप, “ई-मसीहा” जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मक्का-मदीना जाने वाले हज यात्रियों को दी जा रही हैं। एयरलाइन्स द्वारा हज यात्रियों के सामान की डिजिटल प्री-टैगिंग की व्यवस्था की गई है। शत प्रतिशत डिजिटल करने से भारत से जाने वाले हज यात्रियों को बिचौलियों और बेईमानी से बचा कर और बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने में मदद मिली है।

हज हाउस में 100 टेलीफोन लाइन का सूचना केंद्र

2019 में हज यात्रियों को सभी प्रकार की जानकारी मुहैया कराने एवं पूरी हज प्रक्रिया में मदद करने के लिए 100 टेलीफोन लाइन का सूचना केंद्र हज हाउस, मुंबई में शुरू किया गया। इसके अलावा हज यात्रियों के सिम कार्ड को हज मोबाइल ऐप से लिंक करने की व्यवस्था की गई है, जिससे हज यात्रियों को मक्का-मदीना में हज से सम्बंधित नवीनतम जानकारियां तत्काल प्राप्त होती रहेंगी।

देश के 22 हवाई अड्डों से होगी हज यात्रा

हज 2020 के लिए 1 नया इम्बार्केशन पॉइंट्- विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) शुरू किया जायेगा। इस प्रकार हज 2020 के लिए देश भर के 22 इम्बार्केशन पॉइंट्स के जरिये 2 लाख भारतीय मुसलमान हज यात्रा पर जायेंगे।

वक्फ सम्पत्तियों का सौ प्रतिशत हुआ डिजिटाइजेशन

वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग एवं पारदर्शिता के लिए वक्फ सम्पत्तियों की जीआई मैपिंग एवं वक्फ लीज रूल में सकारात्मक बदलाव किए गए। 2019 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तहत देश भर की वक्फ सम्पत्तियों का सौ प्रतिशत डिजिटाइजेशन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया। डिजिटाइजेशन और जियो मैपिंग ने बड़ी संख्या में “गुमशुदा” वक्फ सम्पत्तियों को वक्फ रिकॉर्ड का हिस्सा बनाने में मदद की है। देश भर में 6 लाख से ज्यादा वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण किया गया है।

कौशल विकास और रोजगार के अवसर

वर्ष 2019 में 1.25 लाख से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को “गरीब नवाज़ रोजगार योजना”, “सीखो और कमाओ”, “नई मंज़िल”, “उस्ताद”, “नई रौशनी” जैसी रोजगारपरक कौशल विकास योजनाओं के तहत ट्रेनिगं दी गई।

अनुच्छेद 370 हटने से सिखों को मिला अधिकार

अनुच्छेद 370 के हटने से जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में भी सिख अल्पसंख्यकों को समान अधिकार मिला। वे 70 साल से अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे, लेकिन अनुच्छेद 370 बाधाएं खड़ी कर रहा था।

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