सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को समर्पित रहा ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल पल्ला का 16वां वार्षिकोत्सव

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ग्रेटर नोएडा । बसंत पंचमी के अवसर पर ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल पल्ला का वार्षिक उत्सव बड़े हर्ष और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। ज्ञात रहे कि इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 2009 में की गई थी। तब से आज तक शिक्षा के क्षेत्र में इस विद्यालय ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। विद्यालय का 16 वां वार्षिक उत्सव या स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल पल्ला व ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल सूरजपुर के संयुक्त तत्वावधान में मनाया गया।
स्कूल के विशाल क्रीड़ा परिसर में भव्य आयोजन किया गया। इसके लिए विशाल मंच तैयार किया गया। हजारों की संख्या में उपस्थित अतिथियों के लिए सीटिंग अरेंजमेंट किया गया।
स्थापना दिवस के अवसर पर श्रृंखला में स्कूल के छात्र छात्राओं ने भारत के विविध प्रांतों के लोक नृत्यों का मंच पर प्रदर्शन किया। विविध सामाजिक राष्ट्रीय विषयों को लेकर सांस्कृतिक संगीतमय प्रस्तुति दी गई। गांवों के ग्रामीण जीवन का मंच पर सुंदर प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य अमित चौधरी जिला पंचायत सदस्य देवा भाटी, रामेश्वर सरपंच , आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य, उपाध्यक्ष महावीर सिंह आर्य ,कोषाध्यक्ष आर्य सागर खारी, अजय आर्य अमन आर्य, बलबीर आर्य सहित असंख्य गणमान्य व्यक्ति रहे। विद्यालय के वर्तमान व पूर्व छात्र जिन्होंने 12वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेकर विद्यालय का नाम रोशन किया, उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया गया ।मुख्य अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ राकेश कुमार आर्य अध्यक्ष आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलतेहुए बसंत पंचमी के ऐतिहासिक अवसर पर इतिहास में हुई प्रेरणादायक घटनाओं पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा -आज का दिन विशेष है। आज ही के दिन 1192 ईस्वी में पृथ्वीराज चौहान का बलिदान हुआ था। तराइन के युद्ध में भारत के शूरवीर ने अपना बलिदान दिया था। 1871 में गुरु राम सिंह के नेतृत्व में चले कूका आंदोलन के बलिदानियों ने भी आज के दिन ही अपना ऐतिहासिक बलिदान दिया था। जिसमें छोटी उम्र के बच्चे ने भी जिद करके अपना बलिदान मातृभूमि के लिए दिया था। इसी प्रकार आज का दिन 1740 ईस्वी के लगभग वीर हकीकत राय द्वारा दिए गए बलिदान के साथ भी जुड़ा हुआ है । उनका बलिदान भी बसंत पंचमी के दिन ही हुआ था। इसी प्रकार आज ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल अपना वार्षिकोत्सव मना रहा है। इसी दिन कांग्रेस ने पूर्ण स्वाधीनता दिवस पहली बार 1930 में मनाया था। ऐसे में हमें अपने क्रांतिकारी पूर्वजों से प्रेरणा लेनी चाहिए । मैं आशा करता हूं कि ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल ऐसे ही सदैव नित नवीन कीर्तिमान शिक्षा के क्षेत्र में बनाते रहे ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी जी ने छात्राओं से आवाह्न किया कि आप इस विद्यालय से शिक्षा अर्जित कर देश का नाम रोशन करें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से सीधे संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आप में से कुछ छात्र-छात्राएं आईएएस अधिकारी बनेंगे। कुछ वकील कुछ डॉक्टर बनेंगे। आप जिस क्षेत्र में भी रहेंगे वहीं आपको राष्ट्र की सेवा करनी है। आपके विद्यालय में जो आपको नैतिक ज्ञान सेवा के संस्कार मिले हैं, आप उन्हें विस्मृत नहीं करेंगे, ऐसी आपसे अपेक्षा की जाती है।
ज्ञान इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना वानप्रस्थी देव मुनि जी के भतीजे यादराम आर्य जी निवासी पल्ला ने अपने अनुज बंधुओं के साथ अपने पूज्य पिताजी की स्मृति में की थी। संस्था का नामकरण भी उन्हीं के नाम पर किया गया है। अपनी स्थापना के डेढ दशकों के अल्पकाल में ही इस संस्था ने बहुत तेजी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की है। जिसका श्रेय संस्था के निदेशक यादराम आर्य जी अपने विद्यालय के अनुशासित समर्पित शैक्षणिक स्टाफ को देते हैं।

उन्होंने सभी अभिभावकों जिनकी हजारों में उपस्थित थी आमंत्रित अतिथियों व अपने संस्था के शैक्षणिक स्टाफ व बच्चों का जो महीनों से एनुअल फेस्टिवल की तैयारी कर रहे थे। उन सभी का धन्यवाद अपने कृतज्ञता भाषण में दिया।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षण व प्रबंधन कार्य में योगदान देने वाली वरिष्ठ शिक्षक शिक्षिकाओं को भी प्रतीक चिह्न देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। श्री यादराम आर्य ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर उनका विशेष ध्यान रहता है। वह बच्चों का भविष्य सुधारने के दृष्टिकोण से ही विद्यालय को चलाते हैं । गरीब बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है और उन्हें आर्थिक सहायता देकर भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।

अंत में सभी अतिथियों अभिभावक छात्र-छात्राओं के लिए सामूहिक भोज की व्यवस्था की गई सभी ने प्रीतिभोज का आनंद लिया।

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