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प्रमुख समाचार/संपादकीय

हमेशा बड़े ही हों हमारे संकल्प

हम जैसा सोचते हैं वैसा हो जाता है अथवा करना पड़ता है। जो कुछ सोचा जाता है उसकी तीव्रता के अनुरूप हर सोच को आकार मिलता है। सोच कमजोर होने पर हमारे कर्म की धाराएं कमजोर हो जाती हैं जबकि इसके विपरीत हमारी सोच तगड़ी हो, उसके साथ संकल्प की सुदृढ़ता हो तब उस सोच […]

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