Categories
अन्य कविता

हिंद के परिपूर्ण सिंधु

पूज्य, महात्मा ,संत अशोक।हर्षित, प्रमुदित, कभी न शोक।। 1 एक लक्ष्य है, नेक ध्येय है।सर्वोपरि, निज राष्ट्र श्रेय है।चरैवेति बेरोक टोक।।पूज्य महात्मा…… 2 माँ विद्या से लेकर आशिष।भारत माँ को किया समर्पित।धन्य बना दीं दोनों कोख।।पूज्य महात्मा…… 3 संगठन दृढ, विश्व हिन्दु।हिन्द के परिपूर्ण सिंधु।वीरता के पुंज श्रोत।पूज्य महात्मा…… 4 रक्त का, हर बिंदु अर्पण।राष्ट्र […]

Exit mobile version