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सम्पादक जी! छूंछ पैलगी जिव झन्न…

-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी मेरा आलेख आप अपने लोकप्रिय समाचार-पत्रों में प्रकाशित करते रहते हैं, देखता-पढ़ता हूँ, बड़ा आनन्द मिलता है। कभी-कभार मेरी फोटो भी छाप दिया करें, तब इस उम्र में जीने की चाहत और भी बढ़ जाएगी। जवानी की फोटो तो तत्समय के पाठकों ने देखा है, वर्तमान के लिए आपकी मेहरबानी चाहिए। […]

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