प्रो. राजेन्द्र सिंह विगत एक सहस्र वर्ष से भारतवर्ष को वह बनाने की निरंतर चेष्टा की जा रही है जो इस सर्व प्राचीन राष्ट्र की सहज प्रकृति से कतई मेल नही खाता। विदेशी आक्रांता शासकों ने इस देश के मूलभूत स्वरूप को मिटाने के लिए बृहद हिंदू समाज पर अनगिनत अत्याचार किये थे। समय पाकर […]
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मनीराम शर्माआपको ज्ञात ही है कि सरकारी सेवकों के वेतनमानों में संशोधन के लिए वेतन आयोग के सदस्यगण विदेशों का भ्रमण कर यह पता लगाते हैं कि वहाँ पर वेतनमानों की क्या स्थिति है और भारत में लोक सेवकों को विदेशों के सामान वेतनमान की अनुसंशा की जाती है। गत छठे वेतन आयोग के माध्यम […]