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कोठी की मुस्कान में

किंतु नकली थी दवाई, व्यर्थ रहे प्रयास सब।विस्मय में हैं डाक्टर, रोगी ने तोड़ा सांस जब। हाय मेरा लाल कहकर, मां बिलखती जोर से।अंत:करण भी कराह उठा, उस दुखिया के शोर से। किंतु नही पसीजा हृदय, तू बहरा और अंधा है।उन्नत मानव का दम भरता, करता काला धंधा है। जीवन का तूने लक्ष्य बनाया, कार […]

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