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पाखंड की पराकाष्ठा है रामपाल

ब्रजकिशोर सिंह मित्रों,साहेब बंदगी! कबीर कहते हैं कि कबीरा जब हम पैदा हुए जग हँसे हम रोये। ऐसी करनी कर चलो हम हँसें जग रोये। मगर कबीर के अनुयायी अब जो कर रहे हैं उसको देखकर दुनिया हँस भी रही है और रो भी रही है। हँस रही है यह देखकर कि कबीर ने क्या […]

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